वेद प्रकाश की आखिरी पेशकश थी 'छठी उंगली'
मेरठ : 'रिश्ते इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं लेकिन कभी-कभी दौलत की आंच में ये रिश्ते इतने क
मेरठ : 'रिश्ते इंसान की जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं लेकिन कभी-कभी दौलत की आंच में ये रिश्ते इतने कठोर बन जाते हैं कि सभी सीमा-रेखाएं छोटी पड़ जाती हैं। जब रिश्तों की यह कठोरता अपनी सीमा पार कर भावना-भरे किसी हृदय को चीरती है तब पैदा होती है..छठी उंगली'। जासूसी कहानियों के जादूगर हर दिल अजीज उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा ने अपनी आखिरी रचनाओं की शुरुआत इन्हीं शब्दों से की थी। बिना किसी मीडियम के पाठकों से सीधे बात करते हुए उन्होंने अपनी नई जासूसी कहानी के शीर्षक में छिपे राज को कहानी में ही होने की जानकारी दी थी। कुछ महीने पहले प्रकाशित इस उपन्यास में 'यह जिक्र जरूरी है' में उन्होंने सामाजिक मुद्दे पर लिखी 'ऑनर किलिंग' उपन्यास का भी जिक्र किया है।
नहीं आई 'भयंकरा' की बारी
कुछ महीने पहले प्रकाशित इस उपन्यास में ही पाठकों को उन्होंने अपनी अगली पेशकश 'भयंकरा' का भी जिक्र किया था। उनके किरदार सिंगही के नए आविष्कार की कहानी में दुनिया भर के जासूसों पर परचम लहराने का जिक्र भी था। हालांकि परिजनों के अनुसार 'छठी उंगली' की उनकी पूरी प्रकाशित अंतिम उपन्यास थी। एक उपन्यास वे लिख रहे थे जो महज 30 प्रतिशत ही पूरी हुई थी। संभवत: वह उपन्यास 'भयंकरा' की रही होगी।
उठावने में हुई उपन्यासों पर चर्चा
सोमवार को स्व. वेद प्रकाश शर्मा के शास्त्रीनगर आवास पर उनका उठावना हुआ। इस अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कवि डा. हरिओम पंवार, उपन्यासकार रितुरात जैन सहित अन्य लेखक व साहित्यकारों ने पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर पहुंचे परिवार व रिश्तेदारों ने वेद प्रकाश शर्मा की पत्नी मधु शर्मा, बेटे शगुन शर्मा सहित पूरे परिवार को हिम्मत दी। इस मौके पर उपस्थित उनके करीबियों में वेद प्रकाश शर्मा के उपन्यास पर काफी चर्चा हुई। उनकी रचनाओं में निहित विषयों, बिंदुओं, और पटकथा को लेकर खूब चर्चा हुई। वहीं उनकी लाइब्रेरी खुली तो उनकी रचनाओं को देखने का सिलसिला भी शुरू हो गया।
एक मार्च को होगी तेरहवीं
शगुन शर्मा ने बताया कि स्व. वेद प्रकाश शर्मा की तेरहवीं एक मार्च को होगी। इस बाबत सारे इंतजाम हापुड़ बाई पास स्थित भड़ाना फार्म हाउस में रहेगा।