सर्राफ ने ही 40 हजार में बदमाशों से डलवाई थी डकैती
मेरठ : जयदेवी नगर में सर्राफ के घर सनसनीखेज डकैती का हैरतअंगेज पर्दाफाश हो गया। सर्राफ ने ही 40 हजार
मेरठ : जयदेवी नगर में सर्राफ के घर सनसनीखेज डकैती का हैरतअंगेज पर्दाफाश हो गया। सर्राफ ने ही 40 हजार रुपये में पांच बदमाशों को हायर कर डकैती को अंजाम दिया। पुलिस ने डकैती में प्रयोग की गई कार के साथ सर्राफ को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अभी तक वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाए है। सर्राफ ने 30 लाख का कर्ज चुकाने के लिए ही वारदात की प्लानिंग अपने दोस्त के साथ मिलकर आगरा में की थी।
12 जनवरी को नौचंदी थाने के शास्त्रीनगर स्थित जयदेवी नगर के गोल मंदिर कैंपस के बी-8 में सर्राफ राकेश कश्यप के घर में बदमाश घुस गए थे। राकेश कश्यप मूल रूप से ट्रांस यमुना कालोनी आगरा के निवासी हैं। घंटाघर की नील गली में सर्राफ की राधिका ज्वैलर्स के नाम से दुकान है। बदमाशों ने राकेश कश्यप की पत्नी कुसुम साले बबलू, दोस्त राकेश शर्मा निवासी आगरा को बंधक बनाकर लूटपाट की थी। बदमाश 900 ग्राम सोना और तीन लाख की नगदी ले गए थे। लूटपाट के बाद घर से जाते समय बदमाशों ने राकेश कश्यप, बबलू और राकेश शर्मा को नशीला इंजेक्शन लगा दिया था। बुधवार को रिजर्व पुलिस लाइन में एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सर्राफ ने ही 40 हजार में पांच बदमाशों रामवीर उर्फ ओम निवासी गुलाब नगर, आगरा, सुधीर सिंह, नरेंद्र सिंह, प्रदीप सिंह उर्फ भोला और महीपाल सिंह निवासीगण एतमादपुर आगरा को भाड़े पर लिया था। सभी बदमाशों से सर्राफ को रामबीर ने दो जनवरी को आगरा में मिलवाया था। रामबीर सर्राफ का दोस्त है, जिन्हें घर में डाका डालने की बात तय हुई थी।
ऐसे की थी वारदात : 11 जनवरी को पांचों आरोपी फोर्ड फीगो में सवार होकर मेरठ आए, जिन्हें सर्राफ राकेश कश्यप हापुड़ रोड पर रोडवेज बस स्टैंड पर मिल गए, जहां सब को ग्रांड होटल में ठहराया गया। सुबह साढ़े चार बजे सभी होटल से निकलकर कालोनी के गेट पर पहुंचे, जहां मंदिर में जाने का बहाना कर राकेश ने कालोनी का गेट खुलवाया। गोल मंदिर बंद होने के बाद राकेश भी कालोनी के पास से बदमाशों की कार में सवार हो गए, जो बुढ़ाना गेट मंदिर में पहुंचे। वहां पूजा करने के बाद ही वापस कालोनी में लौटे। पहले राकेश अंदर गया। उसके पीछे पांचों बदमाश आ गए। राकेश के साथ ही सभी अंदर घुसे। पानी से भरे इंजेक्शन घर के अंदर डाल दिए। साथ ही आधा घंटा तक सभी ने अंदर बैठकर चाय पी। उसके बाद सामान खुर्द बुर्द कर चले गए। पांचों के जाने के बाद ही सर्राफ और उसकी पत्नी ने शोर मचा दिया। पुलिस ने इंजेक्शन लगे होने के बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया था।
ऐसे हुआ डकैती का पर्दाफाश : डकैती की बाद पुलिस कार्रवाई से सर्राफ राकेश डर गया था। अगले ही दिन सर्राफ ने खुद को फंसा देखकर आत्महत्या करने की कोशिश की। घर में पत्नी को सुसाइड नोट देकर आगरा चला गया। पुलिस घटना के बारे में पूछताछ को पहुंची। सुसाइड नोट देखकर पुलिस पूरी कहानी को समझ गई। सर्राफ को कॉल कर भरोसा दिलाया कि उसका साथ दिया जाएगा। तब बामुश्किल सर्राफ लौटा, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सर्राफ को तीन दिनों तक साथ रखने के बाद पांचों बदमाशों की धरपकड़ को छापामारी की गई। पर वे हाथ नहीं आए।
फिर वारदात में आंकड़ों का खेल : भले ही घटना सर्राफ राकेश ने खुद कराई हो, पर पांच बदमाश जयदेवी नगर में घुसे और डकैती को अंजाम दिया। इंस्पेक्टर नौचंदी ने डकैती की संगीन वारदात को भी चोरी में दर्ज कर लिया था। खुलासे के दौरान भी सर्राफ को चोरी में जेल भेजा गया है, जबकि प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस डकैती का खुलासा कर रही है। ऐसे में पुलिस की विवेचना पहले ही पर्चे में खत्म हो जाएगी। आरोपियों को जल्द ही जमानत भी मिल जाएगी। इंस्पेक्टर सुरेंद्र राणा का कहना है कि वादी की तहरीर पर मुकदमा किया था, जिसमें वादी को ही आरोपी बना दिया है।
कर्ज होने पर आगरा छोड़ा था : राकेश कश्यप ने बताया कि कर्ज होने के बाद आगरा छोड़ मेरठ में आ गए थे। फिर दिल्ली से कुछ सोना उधार में लिया, जिससे तीस लाख के कर्ज में आ गए थे। कर्ज चुका नहीं पाने के कारण ही डकैती की प्लानिंग की थी, ताकि और अतिरिक्त समय मिल जाए।