मोदी विरोधियों की हुंकार बने केजरीवाल
संतोष शुक्ल, मेरठ उत्तर प्रदेश में भाजपा की संभावनाओं की खीर में मक्खी डालने की बिसात बिछ रही है।
संतोष शुक्ल, मेरठ
उत्तर प्रदेश में भाजपा की संभावनाओं की खीर में मक्खी डालने की बिसात बिछ रही है। मोदी की घेराबंदी में उतरे अरविंद केजरीवाल के तेवर से यूपी में कांग्रेस, सपा एवं बसपा की डगर आसान होगी। मोदी पर सीधा हमला बोलकर भाजपा को बैकफुट पर रखने की रणनीति बनाई गई है। प्रदेश में चढ़ते सियासी पारे के बीच तमाम खेमों में बंटी भाजपा की मुश्किलें चुनावों तक और बढ़ सकती हैं।
आम आदमी पार्टी ने साफ किया है कि इस बार यूपी में उसका फोकस भाजपा की घेराबंदी का होगा। ऐसे में पार्टी नए होमवर्क के साथ मैदान में उतरेगी। अरविंद केजरीवाल भले ही यूपी में सीटें नहीं जीत पाएंगे, किंतु सियासी माहौल बदलने की कला उन्हें खूब आती है। यूपी में उनकी दस्तक ने भाजपा की धड़कन बढ़ा दी हैं। नोटबंदी को लेकर जहां सपा, बसपा एवं कांग्रेस का विरोध संसद से सड़क तक रंग नहीं जमा सका, वहीं अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी का तेवर ज्यादा उग्र रहा है। सियासी जानकारों की मानें तो अरविंद के पास यूपी में खोने के लिए कुछ नहीं है, किंतु उनकी हुंकार से यूपी में मोदी के विपक्षियों की राह आसान होगी। नोटबंदी को लेकर जहां विपक्षियों ने आम आदमी की पीड़ा के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा, वहीं अरविंद केजरीवाल ने आयकर विभाग की पुरानी जांच रिपोर्ट के बहाने मोदी पर सीधा हमला बोला है। आप की रणनीति मोदी की ईमानदार छवि पर चोट पहुंचाने की है, जिसके लिए टीम अरविंद ने तमाम नए दस्तावेजों को जनता के सामने पेश करने की रणनीति बनाई है। इससे पहले केंद्र सरकार की नाक के नीचे मोदी का किला ढहाकर आम आदमी पार्टी सियासी चमत्कार कर चुकी है। मेरठ की रैली में सपा, बसपा एवं कांग्रेस को पूरी तरह बख्शने से साफ है कि केजरीवाल सिर्फ भाजपा की डगर में कांटे बिछाना चाहते हैं। सियासत के तपे खिलाड़ी मुलायम, मायावती एवं राजबब्बर ने भी यूपी में आम आदमी पार्टी की दस्तक पर आकलन शुरू कर दिया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल व्यवस्था विरोधी सोच के व्यक्ति हैं, जिनकी स्वीकार्यता दिल्ली में ही नहीं रह गई है।