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..क्या लोग थे वे दीवाने, क्या लोग थे वे अभिमानी

मेरठ : अमर शहीदों में स्वर्णिम अक्षरों से अपना नाम दर्ज करा चुके वीर जवानों को हर शहरवासी गर्व और स

By Edited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 12:49 AM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 12:49 AM (IST)
..क्या लोग थे वे दीवाने, क्या लोग थे वे अभिमानी

मेरठ : अमर शहीदों में स्वर्णिम अक्षरों से अपना नाम दर्ज करा चुके वीर जवानों को हर शहरवासी गर्व और सम्मान से याद कर रहा है। रविवार को कंकरखेड़ा स्थित शिवचौक पर समाज के हर वर्ग ने दीया जलाया और अमर शहीदों को याद किया। मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान होने वाले उन शहीदों की याद में शहर की जनता अपनी कृतज्ञता और गर्वपूर्ण भाव प्रस्तुत कर रही है। दैनिक जागरण ने दिवाली पर्व पर अपने अमर शहीदों के नाम से एक दीया रोशन करने की पहल शुरू की है। इसी राह पर चलते हुए रविवार को कंकरखेड़ा स्थित शिव चौक पर कारगिल शहीद लांस नायक सतपाल सिंह, देशराज और सतीश कुमार को याद किया। शहीद सतपाल की पत्‍‌नी बबीता सिंह ने दीया जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि के रूप पहुंचे पाइन डीविजन आरटी के बिग्रेड कमांडर देवाशीष चौधरी ने शहीद सैनिकों को इतिहास में अमर बताया। उन्होंने शहीद सतपाल सिंह की पत्नी को शाल भेंट कर सम्मानित किया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर मौजूद समाज के सभी वर्गो ने दीया जलाए। बड़ी संख्या में पहुंचे पूर्व सैनिक, व्यापारी, महिला, युवा वर्ग शामिल रहा।

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आंखों में नमी और चेहरे पर गर्व

एक दीया शहीदों के नाम कार्यक्रम में आमंत्रित शहीद सतपाल सिंह की पत्नी बबीता सिंह के चेहरे पर गर्व की दमक साफ दिखी। हालांकि पति को याद कर आंखे नम हो गई। बबीता ने बताया कि शहीद होने से मात्र तीन दिन पहले ही सतपाल सिंह ने बताया कि वह जंग के मैदान में हैं। 28 जून 1999 को कारगिल जंग से उनके शहीद होने की खबर घर पहुंची। शहीद सतीश की पत्नी विमलेश ने बताया कि शहीद होने के 13 माह पूर्व ही उनका विवाह हुआ था।

मेरठ की मिट्टी ही कुछ ऐसी है

पाइन डीविजन आरटी के बिग्रेड कमांडर देवाशीष चौधरी ने कहा कि मेरठ की मिटटी में कुछ तो खास है। यहां का हर जवान लोहे के जिगर वाला है। ब्रिगेडियर ने कहा कि वीर का नाम ही इतिहास में दर्ज होता है। उन्होंने दैनिक जागरण के प्रयास और पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम शहीदों को याद करने का बेहतर तरीका है।

देश की जनता है कर्जदार

महापौर हरिकांत अहलुवालिया ने कहा कि शहीद के परिवार खुद को अकेला न समझे, देश उनके साथ है। देश कर्जदार है उन अमर शहीदों का जो, जिन्होंने जंग के मैदान में सब कुछ न्यौछावर कर दिया। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि ऐसे शूरवीरों को जनता हमेशा नमन करती है।

खुद को कर दिया कुर्बान

लांस नायक सतपाल सिंह कारगिल की जंग में टाइगर हिल पर दुश्मनों का सामना करते हुए 28 जून 1999 को शहीद हुए। उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया। शहीद सतीश कुमार 26 जुलाई 1999 को कारगिल की जंग में शहीद हुए। उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया। शहीद देशराज 2003 में शहीद हुए, उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया।

आज खेड़ा में जलाएंगे दीये

सरधना क्षेत्र के गांव खेड़ा में 24 अक्टूबर को शहीदों की याद में दीये जलाएंगे। कार्यक्रम शाम 5.30 बजे आयोजित होगा। इस अवसर पर सेना अधिकारी, जनप्रतिनिधि, शहीदों के परिजन, पूर्व सैनिक सहित समाज के सभी वर्गो के लिए उपस्थिति रहेंगे।


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