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कांवड़ की रफ्तार ने थाम दिया इंडस्ट्री का पहिया

मेरठ : स्पो‌र्ट्स काम्पलेक्स की इलेक्ट्रिकल कारोबार वाली कंपनी में दो दिनों से गाजियाबाद से आने वाले

By Edited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 12:45 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 12:45 AM (IST)
कांवड़ की रफ्तार ने थाम दिया इंडस्ट्री का पहिया

मेरठ : स्पो‌र्ट्स काम्पलेक्स की इलेक्ट्रिकल कारोबार वाली कंपनी में दो दिनों से गाजियाबाद से आने वाले कंटेनर की प्रतीक्षा है। मंगलवार को पता चला कि अब कंटेनर सप्ताहभर बाद ही मेरठ में दाखिल होगा। यह सूचना कंपनी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। कांवड़ की वजह से मेरठ में सैकड़ों औद्योगिक इकाइयां ठप पड़ गई हैं। कच्चा माल की तंगी, आयात और निर्यात पर पाबंदी जैसे हालात में तमाम इकाइयों के आर्डर तक कैंसिल हो गए। इन हालात में इंडस्ट्री को पांच सौ करोड़ रुपए का भारी भरकम झटका लगा है।

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आधारभूत ढांचे की कमी की वजह से मेरठ की इंडस्ट्री दुनिया के नक्शे पर चमक नहीं पा रही। कंटेनर डिपो मेरठ से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। कनेक्टिीविटी की तंगहाली से जूझती इंडस्ट्री एक बार फिर प्रभावित हुई है। परतापुर, उद्योगपुरम, मोहमकमपुर, स्पो‌र्ट्स कांपलेक्स एवं मवाना रोड तक बसी हुई सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री ठप पड़ गई है। भले ही कांवड़ से पहले कंपनियां ओवर प्रोडक्शन कर भरपाई का प्रयास करती हैं, किंतु अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव को लेकर कारोबार काफी प्रभावित होता है। खेलकूद की कंपनियों ने बताया कि उन्हें तय सीमा में माल तैयार न कर सकने की वजह से तमाम आर्डर कैंसिल करना पड़ा है। सर्वाधिक संकट निर्यात करने वाली कंपनियों पर है। कई बार वक्त पर डिलीवरी न दे सकने पर कंपनियों पर पेनाल्टी भी मढ़ दी जाती है। मेरठ से रोजाना गाजियाबाद एवं नई दिल्ली तक भारी मात्रा में सामान निर्यात के लिए जाता है। सोमवार से नई दिल्ली से मेरठ की कनेक्टिीविटी बंद करने से तमाम इकाइयों पर ताला पड़ गया। जहां कंपनियों को कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है, वहीं अस्सी फीसदी लेबर कांवड़ लेकर चली जाती है। ऐसे में उत्पादन कार्य करीब दस दिनों तक पूरी तरह बंद करना पड़ेगा। मेरठ में पहले ही कनेक्टिीविटी खराब होने एवं एयरपोर्ट न होने से कई विदेशी खरीदार दिल्ली ही रुक जाते हैं। मेरठ के उद्यमी अपने उत्पाद का डेमो वहां जाकर करते हैं, किंतु कांवड़ की वजह से तमाम आयातकों को वापस लौटना पड़ा। की वजह से मेरठ में करीब पांच से छह सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित होता है। कई को घाटा भी उठाना पड़ता है।

..ऐसे होती हैं इकाइयां प्रभावित

खेलकूद इंडस्ट्री, ट्रांसफार्मर, मशीनरी, कृषियंत्र, रबड़, फूड इंडस्ट्री, कैंची, बैंड, केमिकल, प्लास्टिक एवं दवा उद्योग।

- विदेशी डेलीगेशन दिल्ली में डालता है डेरा। वहां तक भी अपने उत्पादों का डेमो पहुंचा भी नहीं पा रहे उद्यमी।

- 12 सौ करोड़ की स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री को सर्वाधिक नुकसान। निर्यात पर निर्भर इंडस्ट्री।

- सड़क मार्ग से 90 फीसदी आयात। तमाम ट्रकों एवं कंटेनरों को गाजियाबाद में ही रुकना पड़ा।

- श्रम संकट की वजह से अस्सी फीसदी इकाइयां कांवड़ शुरू होते ही पड़ी शांत।

इनका कहना है..

हर साल कंपनियां दस दिन के लिए कोमा में पहुंच जाती हैं। शासन कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करता और इंडस्ट्री वक्त पर ऑर्डर पूरा न कर पाने की वजह से बाहरियों की नजर में अपनी साख खो देती है। पांच सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित होता है।

- अतुल भूषण गुप्ता, पूर्व चेयरमैन, आइआइए।

कांवड़ चले पर शहर भी चलता रहे तो क्या दिक्कत है? स्कूल, इंडस्ट्री, इमरजेंसी आदि कांवड़ यात्रा की वजह से ठप पड़ जाती हैं। कंटनेर डिपो हफ्तों तक एक ही स्थान पर खड़े रह जाते हैं।

- सुरेन्द्र प्रताप, चैंबर ऑफ कामर्स।

बेशक कंपनियां पहले ही भरपाई की तैयारी में जुट जाती हैं, किंतु सप्ताहभर तक कामकाज बंद पड़ जाना महीनों तक असर दिखाता है। निर्यातकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ती है।

- पारस आनंद, एसजी।

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फीका पड़ा सोना

मेरठ : एशिया की प्रमुख मंडी में शुमार सराफा बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है। बाहरी खरीददार मेरठ की मंडी तक पहुंच नहीं पा रहे हैं। स्वर्ण कारोबार की चमक 90 फीसदी तक फीकी पड़ गई है।

मेरठ सोने-चांदी की ज्वैलरी का प्रमुख मेनुफैक्च¨रग सेंटर है। बाहरी व्यापारी तमाम नई डिजाइनों के आभूषण बनवाने के लिए पहुंचते हैं। सराफा बाजार में हर दिन मेरठ में दस से पंद्रह करोड़ रुपये का कारोबार होता है। कांवड़ यात्रा में रास्ते बंद होने से पूरा कारोबार ठप सा हो गया है। पंद्रह से बीस करोड़ रुपये प्रतिदिन का कारोबार दस फीसद भी नहीं बचा है। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री सर्वेश सर्राफ का कहना है कि कांवड़ एक तरह से शहर के लिए उत्सव सा हो गया है, इसलिए अब बाहर से आने वाले कारोबारी इस दौरान आने से बचते हैं। इसकी वजह से काम पूरी तरह से ठप है। सराफा बाजार एसोसिएशन के महामंत्री दिनेश रस्तोगी का कहना है कि कांवड़ तक बाजार ऐसे ही रहेगा। लोग अब उसी के हिसाब से अपनी तैयारी कर रहे हैं।


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