भाजपाइयों ने कलक्ट्रेट घेरा, नसीमुद्दीन पर जमकर बरसे
मेरठ : बसपा सुप्रीमो मायावती पर भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की टिप्पणी से उठे भूचाल ने शनिवार को दिशा बद
मेरठ : बसपा सुप्रीमो मायावती पर भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की टिप्पणी से उठे भूचाल ने शनिवार को दिशा बदल ली। दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह की दलील को हथियार बनाते हुए भाजपा ने बसपा को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। 'बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में' के नारे के साथ भगवा बिग्रेड ने कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन किया। नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए उनका पुतला भी फूंका। मायावती को चेताया कि नसीमुद्दीन को बसपा से निष्कासित करना होगा अन्यथा भाजपा मामले को और तूल देगी। उधर, स्टेशन रोड चौराहे पर भाजपा महानगर इकाई ने नसीमुद्दीन का पुतला फूंका।
मेरठ में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर हंगामा किया। संचालन करते हुए जिला महामंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि भाजपा ने अपने नेता के बयान की निंदा करते हुए उन्हें न सिर्फ पद से हटाया, बल्कि छह वर्ष के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया। किंतु मायावती क्या नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकालेंगी? पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गत दो वर्ष में प्रदेश में 92 दलित उत्पीड़न के मामले हुए, किंतु मायावती कहीं नहीं पहुंची। जबकि दादरी में इकलाख के परिवार को 11 लाख देने चली गई। कहा कि जब भाजपा ने प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह पर कारवाई करने के साथ बयान के लिए खेद भी जता दिया तो फिर बसपाइयों ने किसके इशारे पर गालीगलौज और अभद्रता की? विधायक रवीन्द्र भड़ाना ने कहा कि बसपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी। सत्यवीर त्यागी ने कहा कि मायावती ने सत्ता का दुरुपयोग कर सिर्फ धन कमाया, और आज दलितों की चिंता का प्रपंच करती हैं। विनीत शारदा ने कहा कि 840 वर्ष बाद ¨हदू राजा के रूप में नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी हुई है, ऐसे में स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं होगा। जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा ने कहा कि बसपा ने अपनी घृणित मानसिकता जता दिया, जिसे पार्टी कभी माफ नहीं करेगी। मीनाक्षी भराला ने पूछा कि मायावती महिला हैं तो क्या स्वाति सिंह, उनकी बेटी एवं मां का कोई सम्मान नहीं? क्षेत्रीय मंत्री अजीत सिंह ने बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को मानसिक रूप से दिवालिया बताया।
आते और जाते रहे भाजपाई
प्रदेश इकाई के फरमान के बाद बड़ी संख्या में भाजपाई कलेक्ट्रेट में पहुंचे, किंतु उनका आना-जाना लगा रहा। भीड़ एकजुट होकर प्रशासन पर दबाव नहीं बना सकी। पार्टी के तमाम बड़े नेता अपने नाम का नारा लगवाते देखे गए।
प लिस ने नहीं बजाने दिया माइक
कलेक्ट्रेट पहुंचे भाजपाइयों ने माइक पर नारेबाजी का प्रयास किया, किंतु पुलिस ने हाथ से माइक छीन लिया। इसे लेकर पुलिस एवं भाजपाइयों में जमकर छीनाछपटी हुई।
य रहे शामिल
विधायक लक्ष्मीकांत वाजपेयी, रवीन्द्र भड़ाना, संगीत सोम, जिलाध्यक्ष शिवकुमार, सोमेन्द्र तोमर, सत्यवीर त्यागी, अजीत सिंह, नरेन्द्र उपाध्याय, हरीश चौधरी, रोहताश पहलवान, सतेन्द्र भराला, नरेश गुर्जर, नरेश त्यागी, रोबिन गुर्जर, रमेश गोलाबड़, डा. चरण सिंह लिसाड़ी, कुलदीप तोमर, समीर चौहान, अशोक खेपड़, हरेन्द्र काकरान, अमित मोहन गुप्ता, बासित अली एवं कई अन्य शामिल रहे।