हड़ताल स्थगित, काम पर लौटे कैंट बोर्ड कर्मचारी
मेरठ: आखिरकार 12 दिन की हड़ताल के बाद कैंट बोर्ड के कर्मचारी काम पर लौट आए। जिला प्रशासन और बोर्ड अध्
मेरठ: आखिरकार 12 दिन की हड़ताल के बाद कैंट बोर्ड के कर्मचारी काम पर लौट आए। जिला प्रशासन और बोर्ड अध्यक्ष के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने 15 दिन के लिए हड़ताल स्थगित की है। कर्मचारियों ने कहा कि कांवड़ के बाद उनकी मांगें नहीं पूरी हुईं तो वह दोबारा से हड़ताल कर सकते हैं। मेजर जनरल मनमीत के सिंह ने क्रमिक अनशन पर बैठे कर्मचारियों को जूस पिलाकर हड़ताल स्थगित कराई। सफाई व्यवस्था शुरू होने के साथ कैंट बोर्ड से संचालित स्कूल शनिवार से खुल जाएंगे। कैंट अस्पताल की ओपीडी भी खुल जाएगी। हड़ताल स्थगित होने से कैंटवासियों ने राहत की सांस ली है।
210 बी के हादसे के बाद हड़ताल
नौ जुलाई को हाईकोर्ट के आदेश के बाद कैंट बोर्ड ने अनाधिकृत तरीके से बने बंगला नंबर 210 बी के आरआर मॉल के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की थी। इस दौरान मलबे में दबने से चार लोगों की मौत हो गई थी। एक व्यक्ति घायल हो गया था। मामले में व्यापारियों के दबाव में कैंट बोर्ड से सीईओ राजीव श्रीवास्तव, सीईई अनुज सिंह, सहायक अभियंता पीयूष गौतम, योगेश यादव, अवधेश यादव, अरविंद गुप्ता और अन्य के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज हुआ था। अनुज सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। कैंट बोर्ड ने हादसा माना। मुकदमे को झूठा बताते हुए उसे वापस लिए जाने की मांग को लेकर 11 जुलाई से छावनी परिषद यूनियन और सफाई यूनियन के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे।
कमांडर व सीईओ की वार्ता के बाद हल
शुक्रवार को कैंट कर्मचारियों और सीईओ राजीव श्रीवास्तव, कमांडर मेजर जनरल मनमीत के सिंह के साथ वार्ता हुई। अधिकारियों ने कर्मचारियों से कांवड़ यात्रा को लेकर अपनी हड़ताल स्थगित करने की अपील की। बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल मनमीत के सिंह ने कर्मचारियों से वार्ता के दौरान कहा कि लाखों शिवभक्त छावनी से होकर कांवड़ लेने जाते हैं, उनकी व्यवस्था और छावनी की जनता की मांग को देखते हुए कर्मचारियों को हड़ताल स्थगित कर देना चाहिए। कमांडर ने कहा कि न्याय पर सभी को भरोसा होना चाहिए। वह पूरी तरह से कर्मचारियों के साथ हैं, लेकिन इस समय कांवड़ को देखते हुए हड़ताल तुरंत स्थगित करनी चाहिए। सीईओ ने भी कहा कि कानून अपना काम करता रहे, लेकिन कर्मचारी जनहित को देखते हुए निर्णय लें। कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने भी अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद पंद्रह दिन के लिए हड़ताल स्थगित कर दी। आगे उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो शिवरात्रि के बाद वह फिर से आंदोलन कर सकते हैं।
कर्मचारियों को मिला आश्वासन
- पुलिस की जांच तक आरोपी कर्मचारियों की गिरफ्तारी नहीं होगी।
- कर्मचारियों को काम के दौरान पूरी सुरक्षा रहेगी।
- बिल्डर आनंद प्रकाश पर भी 302 का मुकदमा दर्ज हो।
तीन दिन में स्वच्छ हो जाएगी छावनी
यूनियन के नेता विक्रांत ने कहा कि कांवड़ के लिए वह जी जान लगा देंगे। तीन दिन में छावनी को चमका देंगे। हर कर्मचारी कैंट की छवि व सफाई के लिए पूरा योगदान करेगा। पंद्रह दिन तक वह पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन उनके कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमा वापस नहीं हुआ तो वह फिर हड़ताल पर जाएंगे।
इनका कहना है..
मैं कर्मचारियों की भावना का सम्मान करता हूं। उन्होंने हड़ताल स्थगित की है। 210 बी एक हादसा था, न्यायिक प्रक्रिया चल रही है। उसमें जरूर समाधान निकलेगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
-मेजर जनरल मनमीत के सिंह, अध्यक्ष, कैंट बोर्ड
कांवड़ को देखते हुए कैंट कर्मचारियों की जिम्मेदारी अधिक है। कैंट की जो साफ सुथरी छवि है, उसमें कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करके मान रखा है। दो से तीन दिन में पूरी छावनी में पहले जैसी स्थिति बहाल हो जाएगी।
-राजीव श्रीवास्तव, सीईओ, कैंट बोर्ड
हड़ताल खत्म करने के लिए कर्मचारियों का धन्यवाद। दो दिन पहले रक्षा संपदा निदेशक ने भी हड़ताल खत्म कराने के लिए कहा था। उसका सकारात्मक परिणाम रहा है।
-सत्यप्रकाश अग्रवाल, कैंट विधायक
छावनी की जनता के हित में बोर्ड अध्यक्ष ने हड़ताल खत्म कराकर उल्लेखनीय काम किया है। उम्मीद है कि कर्मचारी पूरी लगन ने जनहित के कामों को गति देंगे।
-बीना बाधवा, उपाध्यक्ष, कैंट बोर्ड
छावनी में कूड़े का ढेर
कर्मचारियों की लगातर 12 दिन की हड़ताल से पूरी छावनी कूड़े के ढेर में समा गई है। हर रोज छावनी में 20 मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जाता है। ईद के बाद से ही पूरी छावनी में सफाई व्यवस्था ठप है। इस तरह से देखें तो हड़ताल से 240 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्रित हो गया है। इसके अलावा कांवड़ के दौरान छावनी में साफ- सफाई की व्यवस्था और भी चौकस करनी होगी।