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बवाली किशोरों ने फिर टिकवाए पुलिस-प्रशासन से घुटने

मेरठ : सूरजकुंड स्थित संप्रेक्षण गृह में करीब 24 घंटे चले बवाल के बाद पुलिस-प्रशासन ने किशोरों के सा

By Edited By: Published: Sat, 28 May 2016 02:00 AM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 02:00 AM (IST)
बवाली किशोरों ने फिर टिकवाए पुलिस-प्रशासन से घुटने

मेरठ : सूरजकुंड स्थित संप्रेक्षण गृह में करीब 24 घंटे चले बवाल के बाद पुलिस-प्रशासन ने किशोरों के सामने घुटने टेक दिए। बागपत के जिन किशोरों को शिफ्ट किया जाना था, उस प्रक्रिया को रोकने के आश्वासन पर शुक्रवार को समझौता हो गया। संप्रेक्षण गृह के किशोरों के खिलाफ एक और मुकदमे की तैयारी हो गई है। बवाल और पथराव में जिस तरह से किशोरों ने अराजकता का माहौल तैयार किया और संप्रेक्षण गृह ब्रेक किया गया, उस मामले में अधिकारियों ने तहरीर दी है।

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संप्रेक्षण गृह के किशोरों ने बुधवार रात को बागपत के 12 किशोरों को शिफ्ट करने के विरोध में बवाल शुरू किया था। पथराव किया और बिल्डिंग की पीछे वाली दीवार में लगी ग्रिल तोड़कर वहां से फरार होने का भी प्रयास किया। गुरुवार को भी बवाल जारी रहा और संप्रेक्षण गृह के मुख्य गेट तक पहुंचकर किशोरों ने पथराव किया। इस दौरान एक स्थानीय महिला भी घायल हो गई थी। बाद में पुलिस और संप्रेक्षण गृह के ही कुछ कर्मचारियों ने किशोरों से बातचीत की। करीब एक घंटे चली बैठक में 12 किशोरों को बागपत भेजने की कार्रवाई रोकने की मांग की गई। इसके अलावा संप्रेक्षण गृह को भी सूरजकुंड पर ही रखने की मांग हुई। पुलिस-प्रशासन ने बागपत के किशोर यहीं रखे जाएंगे। इसके बाद जाकर बवाल शांत हुआ। बैठक में एक किशोर ने अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा, 'संप्रेक्षण गृह में काम हमारे हिसाब से होगा।' इसके बाद खूब विरोध किया। धमकी दी कि वादाखिलाफी की गई तो अंजाम अच्छा नहीं होगा।

'मुझे पहचान लो, मैं हूं डॉन'

किशोरों में उनका नेता भी बैठक में सबसे आगे था। बातचीत शुरू हुई तो मुंह पर कपड़ा बांधे हुए था। कहा कि मुझे पहचान लो, मैं हूं डॉन। मेरी इजाजत के बिना पत्ता भी नहीं हिलेगा।

26 बच्चों को वापस बुलाया

बवाल के दौरान राजकीय बाल गृह से 26 बच्चों को नारी निकेतन में शिफ्ट किया गया था। शुक्रवार को समझौता होने पर इन बच्चों को वापस बाल गृह में शिफ्ट कर दिया गया।

पिछले साल 52 किशोर हुए थे बालिग, सभी शिफ्ट

संप्रेक्षण गृह में पिछले साल भी किशोरों ने कई बवाल किए थे। उस समय जिला प्रोबेशन अधिकारी ने मेडिकल परीक्षण और शैक्षिक दस्तावेज के अनुसार, 52 किशोरों को बड़ी जेल यानी जिला कारागार में शिफ्ट कराया था। हालांकि डीपीओ पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि अभी कोई बालिग संप्रेक्षण गृह में नहीं है।

इन्होंने कहा..

किशोर आए दिन बवाल करके अपनी मांगों को मनवाना चाहते हैं। उनके खिलाफ पूर्व में भी कार्रवाई हुई थी। नुकसान का अनुमान लगाकर इस बार भी तहरीर दी गई है।

-पुष्पेंद्र सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी।

अभी तहरीर मिली है। कुछ अन्य लोग भी घायल हुए थे। सभी का संयुक्त मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

-हरशरण शर्मा, इंस्पेक्टर, नौचंदी थाना।


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