संप्रेक्षण गृह शिफ्ट होगा, इस पर भड़क गए किशोर
मेरठ : संप्रेक्षण गृह में फिर बवाल। संप्रेक्षण गृह की शिफ्टिंग की सूचना के बाद बुधवार देर रात किशोरो
मेरठ : संप्रेक्षण गृह में फिर बवाल। संप्रेक्षण गृह की शिफ्टिंग की सूचना के बाद बुधवार देर रात किशोरों ने फिर बवाल कर दिया। किशोरों ने छत से पुलिस और आसपास के लोगों पर पथराव कर दिया। पीछे की ग्रिल तोड़कर किशोरों ने भागने की कोशिश भी की। ऐलान किया कि किसी दूसरे स्थान पर किशोर गृह में नहीं जाएंगे। एएसपी को फोर्स के साथ लगाया गया।
सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल संप्रेक्षण किशोर गृह में किशोरों का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस और प्रशासन ने किशोरों को जिला कारागार के पास किशोर सदन में रखने का निर्णय किया है। मीडिया में खबर आने के बाद किशोर बुधवार देर रात उग्र हो गए। संप्रक्षेण गृह की छत पर पहुंचे किशोरों ने पुलिस और मोहल्ले के लोगों के मकानों पर पथराव कर दिया। किशोर चिल्ला रहे थे कि उन्हें यहां से कोई शिफ्ट नहीं कर सकता। इतना ही नहीं डीजे की धुन पर डांस कर आसपास के लोगों की नींद भी हराम कर रहे थे। मौके पर मौजूद पुलिस ने कंट्रोल रूम को मामले की जानकारी दी। तभी एएसपी सिद्धार्थ मीणा फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। साथ ही जिला प्रोबेशन अधिकारी पुष्पेंद्र कुमार थे। दोनों ही अफसरों ने किशोरों को समझाने की कोशिश की। उसके बावजूद भी किशोर उत्तेजित होकर पुलिस पर बार बार पत्थर फेंक रहे थे। संप्रेक्षण गृह के चारों ओर पुलिस तैनात कर दी गई है।
सिलेंडर से उड़ाने की धमकी : किशोर पुलिस और प्रशासन को बार-बार सिलेंडर से उड़ाने की धमकी दे रहे थे। बार बार सिलेंडरों को छत पर रखकर माचिस तक जला रहे थे। किशोरों के इस रवैये को देखकर पुलिस और प्रशासन पीछे हट रहा था।
एक माह में चार बार बवाल
किशोरों के बवाल से पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी हैरत में है। क्योंकि इस माह में ही किशोर चार बार बवाल मचा चुके हैं। ऐसे में किशोरों का स्थानांतरण ही अब उपाय है। जिला प्रोबेशन अधिकारी पुष्पेंद्र का कहना है कि जल्द ही किशोरों को बाल सदन में स्थानांतरण किया जाएगा। तभी किशोरों के बवाल को रोका जा सकता है।
इन्होंने कहा..
किशोरों के हंगामे के बाद एएसपी को फोर्स के साथ लगा दिया है। देर रात किशोरों को शांत कर दिया है। संप्रेक्षण गृह के स्थानांतरण की सूचना पर किशोर उग्र हो गए।
-जे रविंदर गौड, एसएसपी
संप्रेक्षण गृह और बवाल
- 12 दिसंबर 2014 : संप्रेक्षण गृह में सिपाही को पीट-पीटकर मार डाला।
- 19 दिसंबर 2014 : तीन किशोर बाल संप्रेक्षण गृह पर बाहर से ताला डाल फरार हो गए।
- 1 अक्टूबर 2014 : संप्रेक्षण गृह से दो किशोर फरार हुए।
- 6 नवंबर 2013 : संप्रेक्षण गृह में खूनी संघर्ष के दौरान चार किशोर फरार।
- 22 जुलाई 2013 : संप्रेक्षण गृह से आठ किशोर फरार हो गए।
- 24 जुलाई2013 : संप्रेक्षण गृह से पुलिस पर पथराव किया, पुलिसकर्मी घायल।
- 3 जून 2015 : संप्रेक्षण गृह से चार किशोर छत के रास्ते से भाग निकले।
- 3 मई 2016 : बेकाबू किशोरों ने अफसरों को दौड़ाया, 25 भागे।
- 13 फरवरी 2016 : छह किशोर भाग निकले।
- 14 जनवरी 2016 : चार किशोर छत से कूदकर फरार हुए।