आधी आबादी की आंखों में तैर उठा तालाब
मेरठ : मवाना खुर्द के तालाब की सफाई के लिए सोमवार को जो हुजूम उमड़ा, उसे देखकर हर कोई उमंग से भर गया
मेरठ : मवाना खुर्द के तालाब की सफाई के लिए सोमवार को जो हुजूम उमड़ा, उसे देखकर हर कोई उमंग से भर गया। तालाब की सफाई में महिलाएं भी उतर आईं। उन्होंने हाथों में फावड़ा उठा लिया। गांव वाले हैरान थे तो राहगीरों ने इसे जलसंचय की क्रांति से जोड़कर देखा। दावा किया कि तालाबों की सफाई में आधी आबादी की भागीदारी पूरी जलक्रांति की पटकथा लिखेगी।
दैनिक जागरण के प्रभावी समाचारीय अभियान के बाद गांवों में तालाबों की सेहत पर चर्चा तेज हो गई है। श्रमदान का संकल्प अब हर कोई ले रहा है, जबकि फावड़ा लेकर गुपचुप तालाब की सफाई करने वालों का काम भी नजर आने लगा है। सोमवार को मवाना खुर्द का तालाब उजला हुआ नजर आया। लगातार सप्ताहभर से चल रही तालाब की सफाई को उस वक्त नया मुकाम मिला, जब महिलाएं भी हाथ में फावड़ा एवं खुरपे लेकर मुहिम में उतर गई। जल की हर बूंद नया जीवन देने का हुनर रखती है, इसकी भरपूर झलक ग्रामीणों के प्रयासों में नजर आई है। तालाबों के कायाकल्प के लिए घाटों पर उमड़े जलसेवकों की मंशा बूंद-बूंद बचाने की है। इसके लिए उनके श्रमदान को नई ताकत देने के लिए महिलाएं भी सफाई अभियान में उतर गई। मवाना खुर्द के तालाब की सफाई में आधी आबादी की पूरी भागेदारी देखकर तमाम कदम ठिठक गए।
तीन दशक से प्यास और जलालत झेल रहे तालाब के दिन बहुरने तय हैं, जबकि अन्य दर्जनों को साफ करने की नींव पड़ गई। दैनिक जागरण ने हाल में तालाब खोजो अभियान चलाया तो सैकड़ों तालाबों का दर्द सरेआम छलक आया। मवाना खुर्द के तालाब के कायाकल्प की रूपरेखा डीएम ने तय की तो बाद में गांव वालों ने इसे पूरी तरह अपना लिया। यहां से शुरू हुई पहल अब तमाम लोगों की लगन बन गई है। वह सुबह फावड़ा लेकर न सिर्फ प्रसन्नभाव से श्रमदान कर रहे हैं, बल्कि आने-जाने वालों के लिए प्रेरक भी बन रहे हैं। मवाना खुर्द में दर्जनों महिलाओं ने तालाब में श्रमदान कर जता दिया कि तालाब एक अनन्य संपदा है, जिसके प्रति हर कोई जिम्मेदार है। तालाब के तट पर कल तक दर्द बयां करने वाले अब खुद सफाई के दूत हैं। इस कारवां में स्कूली बच्चे, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों ने भी प्रभावी भूमिका अदा की है। नेडू रोड स्थित तालाब के पास फैली गंदगी को लोगों ने साफ किया। साथ ही तालाब में गंदगी न फेंकने का संकल्प लिया।
गांधारी सरोवर पर जल जागरण
महाभारतकालीन गांधारी तालाब के आकर्षण को संवारने के लिए तमाम हाथ आगे बढ़े। बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने न सिर्फ इस ऐतिहासिक सरोवर को बचाने का संकल्प लिया, बल्कि कमर भर पानी में उतरकर सफाई भी की। दर्जनों महिलाओं, बुजुर्गो व युवा बच्चों ने घंटों श्रमदान करते हुए तालाब से गंदगी बाहर निकाली। तालाब की सीढि़यों पर जमी हुई घास फूस को भी साफ किया गया। श्रमदान में उत्साह के सैलाब ने तमाम लोगों को मुहिम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
जानीखुर्द में तालाब की सफाई
अभियान का असर जिले भर में नजर आया। जानीखुर्द में लोहड्डा गांव के ग्रामीणों ने तालाब की सफाई की कमान खुद ही संभाल ली। पूर्व जिला पंचायत सदस्य योगेन्द्र कुसैड़ी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग फावड़ा लेकर तालाब पर पहुंचे, और घंटों श्रमदान किया। उन्हें देखकर बाद में अन्य कई भी पहुंच गए। धर्मवीर प्रधान, जगरोशन, कुक्कु, विनोद, धर्मवीर शर्मा, तेजेन्द्र, किरण पाल, अभिराज, अभिनव आदि ने श्रमदान करते हुए शपथ ली। योगेन्द्र कुसैड़ी ने ग्रामीणों को तालाब खुदाई के लिए प्रशासन स्तर से हर संभव सहायता दिलवाने की बात कही।
फोटो - 23एसआरडी 511 - लोहड्डा गांव में तालाब की खुदाई करते हुए ग्रामीण।
फोटो परिचय
मावा 5 : मवाना खुर्द तालाब पर खुदाई कर सफाई करती महिलाएं।
मावा 6 : मवाना खुर्द तालाब पर खुदाई कर सफाई करती महिलाएं।
मावा 7 : फलावदा में तालाब की सफाई करते युवक।
मावा9 : गांधारी तालाब पर शपथ लेते महिलाएं और युवक।
मावा 10 : सफाई करते युवक।
फोटो .. एसआरडी 511 ..