Move to Jagran APP

एसपी सिटी का थप्पड़ मार शगल

मेरठ : सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव की सभा में भीड़ पर एसपी सिटी ने थप्पड़ और लात-घूंसे बरसा

By Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 02:15 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 02:15 AM (IST)
एसपी सिटी का थप्पड़ मार शगल

मेरठ : सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव की सभा में भीड़ पर एसपी सिटी ने थप्पड़ और लात-घूंसे बरसा दिए। सीसीएसयू में छात्रसंघ चुनाव हो या कोई और इवेंट, हर जगह थप्पड़ और घूसों से बात करना उनका शगल-सा बन गया है।

loksabha election banner

गुरुवार को एमएलसी पद के प्रत्याशी राकेश यादव का नामांकन था। इसमें सपा नेता रामगोपाल यादव के आने पर शहर और देहात से लेकर गाजियाबाद तक के कार्यकर्ताओं की भीड़ हो गई थी। एसपी सिटी ने भीड़ को काबू करने के लिए कई सपा नेताओं को थप्पड़ जड़ दिए। 24 अपै्रल 2012 में एसपी सिटी मेरठ के पद पर ओमप्रकाश सिंह की तैनाती हुई थी। गौरतलब है कि एसपी सिटी वक्त-बेवक्त भले ही लात-घूसों चलाते हों, लेकिन अपराध के मामले में शहर की नब्ज नहीं पर उनकी पकड़ हो,ऐसा नहीं लगता। सिर्फ भीड़ में अफरातफरी मचाने के लिए खुद ही थप्पड़ जड़ने लगते हैं। इससे पहले महापौर हरिकांत अहलूवालिया से फोन पर अभद्रता करने के चलते भी वह काफी विवाद में रहे। गाजियाबाद के निवाड़ी का एनकाउंटर में मेरठ पुलिस की फजीहत हुई है। एक बारगी एसपी सिटी ने छात्र-छात्राओं के साथ अभद्रता कर दी थी, जिसे लेकर दिल्ली रोड जाम लगा था। तब भी उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। लेकिन हर बार एसएसपी, डीआइजी और आइजी उनकी ढाल बन जाते हैं। एसपी सिटी की सत्ता में पकड़ होने के कारण कोई कप्तान उनके कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर पाता है। उनकी मनमानी सदा चलती रहती है। एसपी सिटी ओमप्रकाश से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने इस विषय पर कोई भी बात करने से इन्कार कर दिया है।

इन्होंने कहा..

एसपी सिटी ने भीड़ को रोकने के लिए हाथ उठाया था, थप्पड़ मारा नहीं गया है। दरअसल, भीड़ नामांकन के दौरान कलक्ट्रेट में घुसने की कोशिश कर रही थी। यदि भीड़ को सख्ती से नहीं रोका जाता तो कलक्ट्रेट का माहौल खराब हो सकता था।

-डीसी दूबे, एसएसपी

मैं सहारनपुर में मीटिंग लेने गया था, क्योंकि वहां पर विधानसभा का उप चुनाव होना है। इसके बाद गाजियाबाद में सर्राफ की हत्या के चलते वहां गया। एसपी सिटी के थप्पड़ मारने की मुझे जानकारी नहीं है। हो सकता है कि भीड़ को काबू में करने के लिए ही सख्ती की गई हो।

-सुजीत पांडेय, आइजी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.