सियासी दबाव में अपराधी छोड़े तो होगा निलंबन : आइजी
जागरण संवाददाता, मेरठ : दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर में रविवार को आइजी मेरठ सुजीत पांडेय से जनता ने
जागरण संवाददाता, मेरठ : दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर में रविवार को आइजी मेरठ सुजीत पांडेय से जनता ने छेड़छाड़, संगठित अपराध, पुलिस पर राजनैतिक दबाव, जाम और थानों में शिकायतकर्ताओं से होने वाले दुर्व्यवहार जैसे मुद्दे उठाए। आइजी मेरठ ने राजनैतिक दबाव में काम करने वाले और अपराधियों को छोड़ने वाले पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी। साफ कहा कि कोई ऐसा मामला सामने आया तो निलंबन की कार्रवाई होगी। पेश हैं प्रश्न-प्रहर के सवाल-जवाब के कुछ मुख्य अंश..
सवाल : आम आदमी थाने में जाने से डरता है। कोई शिकायत हो तो पुलिस सुनती नहीं है। कैसे सुधार करेंगे?
लोकेश खुराना, मेरठ और मनोज पांडेय, देवबंद।
जवाब : कोई थाना पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती तो मेरे नंबर पर सूचना दें। थाने में एक डेस्क सेल बनाया जाएगा। इसके लिए अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी। यही डेस्क आने वाले फरियादियों की शिकायत सुनेगी और कार्रवाई सुनिश्चित कराएगी। इसमें एक दारोगा और दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
सवाल : शहर में लगातार रंगदारी और लूटपाट की घटनाओं से जीना मुश्किल हो गया है।
ब्रह्मासिंह कुशवाहा, मीनाक्षीपुरम मेरठ।
जवाब : अपराधी संगठित अपराध कर रहे हैं। कई गिरोह की सूची तैयार कर ली गई है। क्राइम कंट्रोल और ऐसे आपराधिक गिरोह के खात्मे के लिए जोन में एक अलग से टीम बनाई गई है।
सवाल : स्कूल-कालेजों के आसपास नशे की सामग्री बिकती है। पुलिस भी सूचना के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करती।
चौधरी मुशाद अली चौहान, शामली।
जवाब : नशे के कारोबार को रोकने के लिए अलग से टीम सक्रिय है। इस नशे के कारण हमारी युवा पीढ़ी खराब हो रही है। मुझे मेरे नंबर 9454400144 पर इस तरह की सूचनाएं दें। मैं कार्रवाई कराऊंगा। नाम गोपनीय रखा जाएगा।
सवाल : वैली बाजार में कुछ जगहों पर सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है। बाहर से युवतियां और किशोरी लाई जाती हैं।
अवध कुमार गुप्ता, वेली बाजार।
जवाब : इस तरह की शिकायतें शहर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों में की हैं। मैंने स्पष्ट निर्देश दिया है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी सक्रिय की गई है।
सवाल : जानी थाने के सामने अवैध शराब पुलिस की मिलीभगत से बिकती है।
रविंद्र कुमार, जानी।
जवाब : मुझसे आकर मिलें और अब कभी शराब लाई जाए तो मेरे नंबर पर सूचना दें। इस शिकायत पर जांच बैठा रहा हूं। दोषी मिलने पर थाना प्रभारी समेत कई पर कार्रवाई होगी।
सवाल : लगातार आइएसआइ एजेंट और आइएसआइएस के आतंकी पकड़े जा रहे हैं। किरायेदारों और नौकरों के सत्यापन को लेकर अभियान क्यों नहीं चलाया जा रहा?
अजय सेठी, शहर कोतवाली, मेरठ।
जवाब : शहर में ऐसी सभी जगह चिन्हित की जा चुकी हैं, जहां बाहरी लोगों के रहने की जानकारी है। पूरे शहर को सेक्टर में बांटकर बड़ा अभियान चलाया जाएगा।
सवाल : स्कूल कालेजों के आसपास छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं।
अमित शर्मा, चंद्रलोक कालोनी, मेरठ।
जवाब : कई प्वाइंट चिह्नित किए गए हैं। पुलिस अब स्कूलों की छुट्टी के समय वहीं मौजूद रहेगी। महिला पुलिस भी सादे कपड़ों में कालेजों के आसपास निगरानी करेगी। मनचलों पर पुलिस अपनी ओर से मुकदमा दर्ज करेगी।
सवाल : पिछले साल भाई का कत्ल हुआ था। एक लाख रुपये का इनामी ब्रह्मासिंह कुरथल नामजद है। अभी तक फरार है।
ठाकुर ब्रजपाल, कुरथल, बुढ़ाना।
जवाब : आप मुझसे आकर मिलें और केस से जुड़े दस्तावेज भी लाएं। कार्रवाई कराई जाएगी।
सवाल : मेरठ मंडल में आपराधिक वारदातें बढ़ी हैं। प्रदेश के कई नेता भी अपराधियों का संरक्षण कर रहे हैं। क्या कार्रवाई होगी?
वासिक पठान, शाहजहांपुर, किठौर।
जवाब : सिर्फ इतना कहूंगा कि पुलिस बिना किसी दबाव के अपना काम करेगी। किसी भी आपराधिक मामले में किसी की भी सिफारिश नहीं मानी जाएगी। पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली तो उन पर भी कार्रवाई होगी।
सवाल : गोकशी को लेकर कई बार सांप्रदायिक भिड़ंत भी हो चुकी है। पुलिस भी कार्रवाई नहीं करती।
पंडित जगपाल, सहारनपुर।
जवाब : गोकशी करने वाले संगठित गिरोह को चिह्नित किया जा रहा है। जल्द ही सभी पर गैंगस्टर की कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी और गिरफ्तारी होगी।
सवाल : बिनौली थाने में तैनात दो पुलिसकर्मी सट्टा और शराब बिक्री कराते हैं।
रविंद्र सिंह, बिनौली।
जवाब : पुलिसकर्मियों के नाम समेत एक शिकायती पत्र भी मुझे दें। इन पुलिसकर्मियों पर त्वरित कार्रवाई कराई जाएगी।
जागरण के पांच सवाल :
1. पश्चिम में बदमाशों के गैंग, नियोजित अपराध का ग्राफ काफी ऊपर है। आपकी अपराधियों से निपटने के लिए क्या रणनीति है?
उत्तर : दूसरे राज्यों से भी वेस्ट में अपराध कंट्रोल होता है। पूर्वाचल के कई बड़े गिरोह भी वेस्ट में आपराधिक वारदातें करते हैं। इस तरह के बदमाशों और गिरोह की लिस्ट बनाई गई है। अब पुलिस का सबसे पहला काम इनकी कमर तोड़ना है। छोटे संगठित अपराध जैसे चेन लूट, कार लूट और छिनैती आदि रोकने के लिए प्लान तैयार है। कोई रंगदारी या अपहरण जैसी घटनाओं में पीड़ित व्यक्ति पुलिस पर यकीन रखे और मेरे नंबर 9454400144 पर सूचना दें।
2. दिल्ली से मेरठ के रास्ते पर जाम आम बात हो गई है। आपकी क्या रणनीति रहेगी?
उत्तर : तीन दिन पूर्व ही एडीजी एलओ और प्रमुख सचिव गृह आए थे। जाम को लेकर बड़ी चर्चा हुई है। रि-इंजीनिय¨रग यानी कई जगहों पर सड़कों के चौड़ीकरण, रि-एनफोर्समेंट यानी ट्रैफिक को व्यवस्थित तरीके से कंट्रोल करना, टेक्नोलॉजी यानी सड़कों पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों का कंप्यूटर से चालान तुरंत काटना और ट्रैफिक पुलिस की ट्रेनिंग जैसे बिंदुओं पर काम किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे अच्छी व्यवस्था बना सकें। जाम वाली जगहों पर विशेष रूप से फोकस करने जा रहे हैं।
3. धरना-प्रदर्शन के नाम पर आए दिन मुख्य मार्गो को रोक दिया जाता है। पुलिस भी हाथ बांधकर खड़ी रहती है। जोन पुलिस के मुखिया होने के नाते आप सुनिश्चित कराएंगे कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं होंगी?
उत्तर : दादरी में पथराव और जाम लगाने की एक घटना हुई। मुकदमा दर्ज कर 19 लोगों को जेल भेजा गया है। ऐसा ही कुछ मुजफ्फरनगर में कराया गया है। जाम लगाया तो सबसे पहले मुकदमा दर्ज होगा। वीडियोग्राफी से सबूत जुटाए जाएंगे। जाम लगाने और कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं है। अब अगर जाम लगा और पुलिस तमाशबीन रही तो सीधे कार्रवाई होगी।
4. किसी वारदात को अंजाम देकर अपराधी आराम से फरार हो जाते हैं। नाकाबंदी के नाम पर पुलिस की खानापूर्ति होती है। ऐसे में आपकी क्या तैयारियां हैं?
उत्तर : सभी जिलों से सूचना मांगी गई है, जिसमें जिले में अंदर आने और बाहर जाने वाले हर रास्ते का विवरण मांगा है। हापुड़ व नोएडा से सूचनाएं आ चुकी हैं। बाकी जिलों से भी सूचना आने के बाद एक ऐसा प्लान तैयार किया जाएगा, जिससे आपातकाल में जिलों की सीमा एकदम सील कर दी जाएंगी। इसे जल्द ही लागू कर दी जाएगी।
5. अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण आम बात हो गई है। पुलिस कोई कार्रवाई करती है तो आरोपियों को छुड़वाने के लिए अधिकारियों पर नेताओं का दबाव बनता है। आप ऐसे घटनाक्रम को कैसे देखते हैं?
उत्तर : सबसे पहले तो मैं ये कहना चाहता हूं कि पुलिस बिना किसी राजनैतिक दबाव में काम करे। किसी भी थाना प्रभारी या अन्य पुलिस अधिकारी ने आरोपियों को दबाव में छोड़ा तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा। मुझे इस बारे में जानकारी मिली तो सबसे पहली कार्रवाई निलंबन की होगी। पुलिस अनावश्यक दबाव न सहे और जनता की भलाई के लिए काम करे।