कोलकाता के बंधुआ दो बाल मजदूर मुक्त
मेरठ : कोलकाता के हुगली से लाए दो बंधुआ बाल मजदूरों को चाइल्ड लाइन ने सदर की दुर्गाबाड़ी क्षेत्र के ए
मेरठ : कोलकाता के हुगली से लाए दो बंधुआ बाल मजदूरों को चाइल्ड लाइन ने सदर की दुर्गाबाड़ी क्षेत्र के एक मकान से मुक्त कराया। चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने किशोरों का प्रकरण सदर थाने में दर्ज कराया, जिसके बाद दोनों को कल्याण समिति के सामने पेश किया, जहां से उन्हें सूरजकुंड रोड स्थित राजकीय बाल गृह में भेज दिया।
सदर की दुर्गाबाड़ी क्षेत्र में रेशमा पत्नी इकराम रहती है। दो वर्ष पूर्व रेशमा का भाई हारून अपने जानकार के साथ कोलकाता के हुगली शहर गया और वहा देहात क्षेत्र से 12 वर्षीय मिसबा और 11 वर्षीय सारिक उल को अपने घर काम करने की नौकरी दिलाने को कहा। परिजनों से पगार भिजवाने की भी बात कही। आरोप है कि सदर आने के बाद दोनों किशोरों को बंधक बनाया। घर में रेशमा, इकराम और अन्य मजदूरी पर नग जड़ने का काम करते थे, जिसमें किशोरों को भी दिन रात लगाया गया। खाने में एक बार ही रूखा-सूखा भोजन जाता था। गुरुवार दोपहर को किशोर घर से भागे और आबूलेन पहुंचे, जहां उन्हें एक बंगाली कारीगर मिला। बंगाली कारीगर किशोरों को अपने घर ले गया। कारीगर ने पुलिस व चाइल्ड लाइन को सूचना दी। शुक्रवार को चाइल्ड लाइन की अनीता राणा सदर पहुंची और किशोरों को अपने साथ सदर थाने ले गई, जहां किशोरों ने अपनी आपबीती सुनाई। चाइल्ड लाइन ने किशोरों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया, जहां से उन्हें बाल गृह भेज दिया गया। इंस्पेक्टर सदर ने कहा कि बाल कल्याण समिति की जांच के बाद ही आरोपियों पर आरोप तय हो पाएंगे। वहीं अनीता राणा ने कहा कि दोनों बच्चे अपने घर जाना चाहते हैं। इस प्रकरण में रेशमा का पक्ष जानने को फोन किया, मगर उनसे संपर्क नहीं हो सका।