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आक्रोशित किसानों ने निर्माण कार्य रोक किया हंगामा

मेरठ : नई भू-अधिग्रहण नीति के तहत मुआवजे की माग पर अड़े शताब्दीनगर के किसानों ने शनिवार को भी जमकर हं

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 09:25 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 09:25 PM (IST)
आक्रोशित किसानों ने निर्माण कार्य रोक किया हंगामा

मेरठ : नई भू-अधिग्रहण नीति के तहत मुआवजे की माग पर अड़े शताब्दीनगर के किसानों ने शनिवार को भी जमकर हंगामा काटा। अतिरिक्त मुआवजे की माग को लेकर धरने पर बैठे किसानों ने एमडीए के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वीसी के आवास का निर्माण कार्य रोक दिया। किसान यहीं शांत नहीं हुए, उन्होंने समाजवादी आवास योजना के आवासों का भी निर्माण रोका। आनन-फानन में मौके पर पहुंचे एमडीए अफसरों ने किसानों को मनाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी।

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शताब्दीनगर आवासीय योजना के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने 1989 में किसानों से 1600 एकड़ भूमि का अर्जन किया था। अधिग्रहण के समय से अब तक किसान अपनी भूमि का तीन बार मुआवजा भी उठा चुके हैं। इसके बावजूद आज तक भूमि से अपना कब्जा नहीं छोड़ा। अब किसान नई भू-अधिग्रहण नीति के अंतर्गत नए रेट से अतिरिक्त मुआवजे की माग पर अड़े हैं। किसानों की इस माग पर एमडीए कड़ा एतराज जता रहा है।

एमडीए अफसरों की मानें तो आज की तारीख में यह अतिरिक्त मुआवजा लगभग 5800 रुपए बैठता है। इस पर एमडीए का मत है कि किसानों को पिछले बार सभी योजनाओं से अधिक 690 रुपए मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। मुआवजे को लेकर एमडीए के सख्त रवैये के विरोध में धरने पर बैठे किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले शनिवार को बैठक का आयोजन किया। बैठक के बाद किसानों ने हंगामा करते हुए वीसी आवास निर्माण कार्य को रोकते हुए नव निर्मित दीवारों को तोड़ गिराया।

17 दिसंबर के बाद होगा फैसला

किसानों ने शुक्रवार को भी टंकी पर चढ़कर काफी हंगामा किया था, जिसके बाद मौके पर पहुंचे एमडीए अफसरों ने मुआवजा देने के बजाए जमीन वापस करने की बात कही थी। एमडीए के सचिव ने सहमति जताते हुए ग्राम सभा चुनाव के उपरात 17 दिसंबर तक का समय मागा था। बावजूद इसके, किसानों ने शनिवार को फिर से हंगामा कर दिया। इस दौरान किसान यूनियन के संजय दौरालिया, विजय पाल घोपला, जितेन्द्र घोपला, अनिल घोपला, सुभाष, चौधरी, इलम सिंह आदि मौजूद रहे।


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