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भक्त के अधीन हैं भगवान : चैतन्य महाराज

मेरठ : औघड़नाथ मंदिर में बुधवार को श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ के साथ अध्यात्म का संचार हुआ। बि

By Edited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 02:24 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 02:24 AM (IST)
भक्त के अधीन हैं भगवान : चैतन्य महाराज

मेरठ : औघड़नाथ मंदिर में बुधवार को श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ के साथ अध्यात्म का संचार हुआ। बिहारगढ़, बुलंदशहर से पधारे ˜यम्बकेश्वर चैतन्य महाराज ने भगवान, भक्त और भक्ति पर गूढ़ मंथन कर मधुर प्रवचन दिए। ज्ञान महायज्ञ में देव-वृतांत व लीलाओं से भक्तिरस की वर्षा की तो श्रद्धालु मुग्ध हो गए।

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महाराजश्री ने कहा कि जिसकी रक्षा भगवान करते हैं, उसका कोई नाश नहीं कर सकता। वह सभी पर बिना भेदभाव के कृपा करते हैं। देवताओं में सत्य तत्व की रक्षा हेतु स्वयं ऊर्जा बनकर देवताओं में स्थित रहते हैं। देवताओं का प्रमाद नष्ट करने को राक्षसों को बलवान बनाते हैं। उन असुरों का वध कर फिर देवत्व की स्थापना करते हैं। उन्होंने कहा कि शिशुपाल वध के बाद जो तीर वापस आया तो वह भगवान के तेज में विलीन हो गया। भावनावतार, प्रह्लाद की भक्ति का वर्णन करते हुए भगवान के सर्वत्र उपस्थित होने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान भक्ति के प्यासे हैं, सच्चे हृदय से की गयी भक्ति पर वह स्वयं भक्त के पास खिंचे चले आते हैं। वह भक्त के अधीन हैं। संचालन आचार्य सुदेश ने किया। धर्म संघ के अध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता, सुशील सिंहल, चंद्रमणि शर्मा, चरणदत्त कात्यायन का सहयोग रहा।


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