कार्रवाई की जद से अभी तक बाहर हैं इंचौली इंस्पेक्टर
मेरठ : इंचौली थाने के इंस्पेक्टर का बाल बांका नहीं हुआ जबकि यह साफ हो गया है कि जिस कार से वह कल एसए
मेरठ : इंचौली थाने के इंस्पेक्टर का बाल बांका नहीं हुआ जबकि यह साफ हो गया है कि जिस कार से वह कल एसएसपी आफिस आए थे, वह थाने में लावारिस हालत में दाखिल की जा चुकी है। स्पष्टीकरण में इंस्पेक्टर ने इसे कबूल भी किया है। डीआइजी भी इंस्पेक्टर का गुनाह मान रहे हैं पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।
इंचौली थाने के इंस्पेक्टर योगेंद्र सिंह मलिक मंगलवार को बिना नंबर की आइ-20 में सवार होकर एसएसपी ऑफिस पहुंच गए थे। खबर फैलते ही इंस्पेक्टर ने सरकारी गाड़ी मंगाई और कार में कैप और डायरी छोड़कर चलता बने थे। इस बीच एसपी क्राइम ने आइ-20 को कब्जे में लेकर सिविल लाइन थाना पुलिस को सौंप दिया था। कार को सिविल लाइन थाने की जीडी में दाखिल भी करा दिया गया। लेकिन इंस्पेक्टर इंचौली पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसपी क्राइम तेज स्वरूप सिंह का कहना है कि इंस्पेक्टर ने स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने बताया कि थाने की सरकारी जीप को एसआइ चुनाव में नामांकन ड्यूटी लगने पर ले गए थे। जरूरी काम से एसएसपी ऑफिस और कोर्ट में जाना था। इसलिए थाने में लावारिस हालत में जमा की गई कार का प्रयोग किया। अब सवाल यह है कि जब इंस्पेक्टर इतने पाक साफ थे तो फिर कार को छोड़कर मौके से क्यों भागे? इसका जवाब एसपी क्राइम इंस्पेक्टर से नहीं ले पाए। ऐसे में लग रहा है कि इंस्पेक्टर को बचाने को लीपापोती शुरू हो गई है।
ये है नियम : यदि थाने की सरकारी गाड़ी किसी अति आवश्यक कार्य से चली गई है और क्षेत्र में कोई घटना हो जाती है तभी लावारिस हाल में थाने में जमा गाड़ी का उपयोग किया जाता है। उसके लिए थाने की जनरल डायरी में एंट्री की जाती है। इतना ही नहीं यदि गाड़ी से कोई हादसा हो जाए या चोरी हो जाए तो उसका जिम्मेदार स्वयं थानेदार होता है।
अमानत में खयानत का अपराध : जिस आइ-20 से इंस्पेक्टर इंचौली घूम रहे हैं, वह थाने में लावारिस में दाखिल है। यानी थाने की संपत्ति का निजी तौर पर प्रयोग करना अमानत में खयानत है। इसमें धारा 409/411 आइपीसी में इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
इन्होंने कहा..
इंस्पेक्टर इंचौली बिना नंबर की कार में आए थे, जो थाने में लावारिस में दाखिल है। एसएसपी के हाईकोर्ट जाने के कारण अभी तक कार्रवाई नहीं हो पाई है। इंस्पेक्टर ने गलती की है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-आशुतोष कुमार, डीआइजी