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पाक को मुंहतोड़ जवाब देने को सेना हर समय तैयार

मेरठ : सीधी लड़ाई में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय फौज हर समय तैयार है, पाकिस्तान इस

By Edited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 02:20 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 02:20 AM (IST)
पाक को मुंहतोड़ जवाब देने को सेना हर समय तैयार

मेरठ : सीधी लड़ाई में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय फौज हर समय तैयार है, पाकिस्तान इस बात को अच्छी तरह से जान चुका है, इसलिए वह भारत के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ने की जुर्रत नहीं कर पा रहा है। वह अब भारत के खिलाफ छदम लड़ाई लड़ रहा है। 1965 भारत- पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान पर भारत के विजय प्राप्त करने की स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी संवाद में विशेषज्ञों ने यह बात कही।

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मेरठ कालेज के मूट कोर्ट में चार्जिग रैम डिविजन की ओर से प्रायोजित और रक्षा अध्ययन विभाग के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी संवाद में स्लाइड व फिल्म के माध्यम से 1965 की लड़ाई की परिस्थितियां, परिणाम के बारे में बताया गया। मुख्य अतिथि मेजर जनरल आरपी सिंह, विशिष्ठ सेवा मेडल (22 इन्फैंट्री डिविजन के जीओसी) ने कहा कि भारतीय सेना एक तरह से पोलिटिकल सिस्टम से जुड़ी हुई। जब सारे विकल्प बंद हो जाते हैं तो सेना सीधी लड़ाई लड़ती है। भारतीय फौज के सामने पाकिस्तान को हराना कोई बड़ी बात नहीं है, फौज की पूरी तैयारी है।

ब्रिगेडियर एसके सिंह ने 1965 के युद्ध की परिस्थितियां, युद्ध के बाद क्या मिला, क्या खोया आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 1965 की लड़ाई में लाल बहादुर शास्त्री जैसे प्रधानमंत्री की वजह से राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत थी, उसकी तुलना में सैनिक इच्छा शक्ति कम थी। 1965 की लड़ाई में भारतीय फौज ने पाकिस्तान को श्रेष्ठ हथियार रखने के बाद भी हराया। इस लड़ाई से सेना का मनोबल ऊंचा उठा।

1965 की लड़ाई के गवाह रहे रिटायर कर्नल जय सिंह ने बताया कि किस तरह से उन्होंने राजा चौकी पर कब्जा किया। जेएनयू से आई विशेषज्ञ प्रो. सविता पांडे ने कहा कि 1965 की लड़ाई हमने जिन क्षेत्रों में लड़ी, दोबारा से 1999 में कारगिल में उन्हीं क्षेत्रों से घुसपैठ हुई। भारत सरकार के पास इस लड़ाई के बाद भी कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिसकी वजह से कश्मीर का मुद्दा अनसुलझा है। मेरठ कालेज के प्रिंसिपल डा. एनपी सिंह ने कहा कि 1965 की लड़ाई हमें सीख देती है कि कभी भी समझौता द्विपक्षीय होना चाहिए, त्रिपक्षीय समझौता नहीं। कर्नल सुधीर सोढ़ी, मेजर श्रीनीवासुलु, मेजर शक्ति सिंह, मेजर संजय सिंह ने भी युद्ध के विषय में बताया। संगोष्ठी का संचालन कर्नल शांतनु राय ने किया। रक्षा अध्ययन विभाग के डा. संजय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने युद्ध से जुड़े सवाल भी पूछे। इस दौरान डा. संजय कुमार, डा. अनुराग जायसवाल, डा. समीर हुसैन की संपादित पुस्तक इंडो-पाक टेंशन का विमोचन किया गया।


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