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सांप्रदायिक रंग देकर माहौल बिगाड़ने की थी मंशा

मेरठ : सामूहिक दुष्कर्म के फर्जी मामले में परत दर परत कई राजफाश हो रहे हैं। इंटेलीजेंस और खुफिया विभ

By Edited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 01:57 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 01:57 AM (IST)

मेरठ : सामूहिक दुष्कर्म के फर्जी मामले में परत दर परत कई राजफाश हो रहे हैं। इंटेलीजेंस और खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर यकीन करें तो इस घटना की आड़ में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश थी। प्रकरण की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। अब मेरठ के ही एक आला पुलिस अधिकारी को पूरे प्रकरण की शासन स्तर से जांच दी गई है।

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बिलाल हत्याकांड के गवाहों और वादी को रास्ते से हटाने के लिए हत्यारोपी नजाकत ने बड़ी साजिश रची। एक महिला को राजी करके वादी के भाई और उसके साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगवाया। इसके लिए महिला और उसके कथित भाई चंदप्रकाश को तीन लाख रुपये की रकम भी दी गई। डाक्टरी रिपोर्ट और जिला अस्पताल में महिला को भर्ती कराने के लिए एक डाक्टर और फार्मासिस्ट को भी 1.60 लाख रुपये की रकम तय हुई।

इसके अलावा पूरे मामले को तूल देने, हंगामा करने और अफवाह उड़ाने के लिए कुछ लोगों को तैयार किया गया था। इसके लिए भी रकम तय थी। हालांकि पूरा मामला पुलिस की जांच में खुल गया और फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। इस प्रकरण को लेकर खुफिया विभाग और इंटेलीजेंस ने जो रिपोर्ट शासन को भेजी है, उससे खुलासा हुआ है कि इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने और बवाल कराने की साजिश थी। इसीलिए रक्षाबंधन से दो दिन पहले का समय चुना गया, ताकि लोगों की भावनाओं को भड़का कर फायदा उठाया जा सके। इस इनपुट के बाद शासन ने जिले के ही एक आला पुलिस अधिकारी को पूरे मामले में गोपनीय जांच का निर्देश दिया है।

पुलिस को पहले क्यों नहीं दी गई सूचना

जांच में इस बिंदु को भी शामिल किया गया है कि पुलिस को सूचना देने से पहले ही सामूहिक दुष्कर्म की घटना की बात कैसे इतनी फैल गई। किन-किन लोगों ने पूरे प्रकरण को मीडिया में तूल देकर अफवाह फैलाई और मामले को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया।

इन्होंने कहा..

अभी तक इंटेलीजेंस से जो इनपुट मिले हैं, उनसे यही लगता है कि पूरे प्रकरण को सांप्रदायिक रंग देकर बवाल कराने की साजिश थी। मामला काफी गंभीर है और इसलिए पुलिस हर बिंदु पर छानबीन में लगी है।

विनीत भटनागर, सीओ, कोतवाली।


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