पीस कर नहीं, पीएं चूसा हुआ फलों का ताजा रस
मेरठ : जीवन की भागदौड़ में खाने के साथ मिलने वाली पौष्टिकता की जांच करना मुमकिन नहीं रह गया है। उसे प
मेरठ : जीवन की भागदौड़ में खाने के साथ मिलने वाली पौष्टिकता की जांच करना मुमकिन नहीं रह गया है। उसे पूरा करने के लिए लोग दूध-दही आदि के साथ ही फलों के जूस का सेवन करना पसंद करते हैं। बाजार में उपलब्ध फलों के जूस कितने शुद्ध हैं, यह बता पाना की आसान नहीं रहा। बड़ी कंपनियों के जूस में ऐडेड फ्लेवर व मिनरल्स होते हैं। इस बीच शहर में पहली बार फलों व सब्जियों के ताजा जूस जर्मन तकनीकी से निकाले जा रहे हैं। कोल्ड प्रेस्ड जूस की खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरह का फ्लेवर या फिर चीनी मिलाने की आवश्यकता नहीं होती। जिस प्रकार फलों को खाने पर उसके जूस का स्वाद मिलता है, ठीक उसी तरह यह जूस भी पीस कर नहीं बल्कि चूस कर निकाला जाता है।
सदर में हुई शुरुआत
सदर में पिछले कुछ दिनों से फ्रूट जूस पार्लर की चर्चाएं बढ़ रही हैं। संचालकों के दावे को जांचने के लिए लोग मौके पर पहुंच कर कोल्ड प्रेस्ड जूस की गुणवत्ता को परखने में जुटे हैं। फ्रेस्को नामक इस जूस को उत्पाद की तरह नहीं बल्कि फलों व सब्जियों के ताजा जूस की तरह लोगों के समक्ष पेश किया जा रहा है। संचालक राजीव वालिया के अनुसार यहां शॉट्स, सोलो, फ्रूटेल्स व स्मूदीज के अंतर्गत तरह-तरह के फलों के जूस मिलाकर परोसे जा रहे हैं। इन मिश्रणों का वैज्ञानिक आधार विशेषज्ञों की सलाह पर तैयार किया गया है, जिससे लोगों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़े।
आधुनिक मशीनें रखती हैं शुद्धता का ख्याल
बतौर राजीव आम तौर पर मशीने तेज गर्मी पैदा करते हुए जूस निकालती हैं, जिससे फलों व सब्जियों की माइक्रो न्यूट्रिशन लगभग 90 प्रतिशत तक नष्ट हो जाती है। इसलिए जर्मन तकनीकी की मशीने मंगाई गई हैं, जो न्यूनतम तापमान में जूस निकालने में सक्षम हैं। इससे फलों व सब्जियों के विटामिन, मिनरल, एंजाइम्स व अन्य पोषक तत्व नेचुरल अवस्था में ही रहते हैं।
दरवाजे तक पहुंचेगा जूस
संचालक राजीव वालिया का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य लोगों के घरों तक जूस पहुंचाना है। ऑर्डर देने पर मेरठ कैंट व नगर निगम क्षेत्र में जूस 20 मिनट में घर तक पहुंचाया जाएगा। उनका कहना है कि ग्राहक जूस को इस्तेमाल कर स्वत: इसकी शुद्धता को परख सकते हैं। ये जूस कई तरह की बीमारियों में लाभकारी हैं।