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फौज में जाना ही था सम्यक का लक्ष्य

मेरठ : पढ़ाई में लगातार बेहतर प्रदर्शन। खेलकूद में स्कूल की टीम का हिस्सा। दोस्तों के साथ जिंदादिली।

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 02:01 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 02:01 AM (IST)
फौज में जाना ही था सम्यक का लक्ष्य

मेरठ : पढ़ाई में लगातार बेहतर प्रदर्शन। खेलकूद में स्कूल की टीम का हिस्सा। दोस्तों के साथ जिंदादिली। शिक्षकों के लिए अत्यधिक सम्मान। लेकिन जीवन का लक्ष्य बहुत पहले से निर्धारित। सेंट मेरीज एकेडमी में कुछ ऐसी ही पहचान के धनी थे सम्यक सिंह। कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक इसी स्कूल में पढ़ाई करने वाले सम्यक ने बहुत छोटी उम्र में फौज को ही अपना लक्ष्य बना लिया था।

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नम हो गई आंखें

आरवीसी सेंटर एंड कालेज परिसर में स्थित स्वीमिंग पूल में रविवार शाम डूबकर सम्यक की मौत हो गई थी। हादसे की जानकारी मिलने के साथ ही सोमवार को सेंट मेरीज एकेडमी में शोक का माहौल छाया रहा। प्रधानाचार्य से लेकर शिक्षक-शिक्षिकाएं व विद्यार्थियों को पहली सूचना मिली तो वारदात पर यकीन ही नही हुआ। स्कूल असेंबली में सभी ने दो मिनट का मौन रखकर सम्यक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

खेल में भी रुचि बराबर रही

2003 में सम्यक का दाखिला कक्षा एक में सेंट मेरीज एकेडमी में हुआ था। पढ़ाई के साथ ही खेल में भी रुचि बढ़ती गई। वह स्कूल की क्रिकेट व इससे पूर्व बास्केट बॉल टीम का भी हिस्सा रहे। स्कूल में होने वाली तरह-तरह की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने में सम्यक आगे रहते थे।

करियर संवारने की तैयारी थी

स्कूल शिक्षकों की मानें तो सम्यक शुरू से ही एनडीए में दाखिला लेकर फौज में करियर बनाना चाहते थे। इसलिए उसने कक्षा 12वीं के साथ ही तरह-तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने की शुरुआत भी कर दी थी। मेहनत रंग लाई तो मर्चेट नेवी और एनडीए दोनों में नंबर आ गया। उसकी तैयारी बेहतरीन हो इसलिए आरवीसी के स्वीमिंग पूल में गया, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था।

इस प्रकार रहे बोर्ड परीक्षा परिणाम

आइसीएसई (10वीं) : 85.2 प्रतिशत

अंग्रेजी : 76, ¨हदी : 90, इतिहास-नागरिक शास्त्र-भूगोल : 88, विज्ञान : 66, कंप्यूटर एप्लीकेशन : 80

आइएससी (12वीं) : 92 प्रतिशत

अंग्रेजी : 88, ¨हदी : 94, गणित : 96, फिजिक्स : 88, केमिस्ट्री : 90

इनका कहना है..

सम्यक बहुत ही होनहार बच्चा था। पढ़ाई के साथ खेल में लगातार अच्छा प्रदर्शन रहा। उसमें कुछ बनने का जज्बा साफ दिखाई पड़ता था। यह दुखद रहा कि हम उसकी तैयारी के बाद उसे कुछ बनता हुआ नहीं देख सके।

-ब्रदर बाबू वर्गीज, प्रधानाचार्य, सेंट मेरीज एकेडमी

वह बहुत ही सभ्य, सौम्य और कम बोलता था। किसी से लड़ाई तो दूर कहा-सुनी भी नहीं हुई। 12वीं का रिजल्ट लेने के दौरान वह अपने परिणाम से बहुत खुश था।

-मुक्ता जग्गी, सीनियर कोआर्डिनेटर, सेंट मेरीज एकेडमी

पिछले चार सालों में मेरी उससे दोस्ती हो गई थी। एनडीए में जाने के लिए वह मुझसे गणित की अतिरिक्त क्लास लिया करता था। क्रिकेट के जरिए आइपीएल में खेलने की बात भी करता था।

-गिरीश गुप्ता, गणित शिक्षक, सेंट मेरीज एकेडमी।


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