आबूप्लाजा में टोकन से तो बिगड़ सकती है व्यवस्था
मेरठ : आबूलेन की वैकल्पिक पार्किंग शुरू होने के बाद आबूप्लाजा में पार्किंग का क्या सूरते हाल होगा,इस
मेरठ : आबूलेन की वैकल्पिक पार्किंग शुरू होने के बाद आबूप्लाजा में पार्किंग का क्या सूरते हाल होगा,इस पर अभी कुछ साफ नहीं है। आबूप्लाजा में भी पार्किग को व्यवस्थित करने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें ग्राहकों को टोकन देने की शुरूआत की जानी है, इस योजना से भी व्यवस्था सुधरने की जगह बिगड़ने की आशंका बनी हुई है।
आबू प्लाजा में स्थिति व्यापारियों की ओर से पार्किंग को व्यवस्थित करने के लिए आबूप्लाजा ट्रेडर्स एसोसिएशन का गठन किया गया है। एसोसिएशन ने प्लाजा स्थित दुकानदारों के वाहनों की पहचान के लिए स्टीकर बनाए हैं। वहीं, दूसरी ओर ग्राहकों के वाहनों की पहचान के लिए टोकन सिस्टम शुरू किया जा रहा है। जिस तरह से टोकन सिस्टम की व्यवस्था हो रही है, लेकिन सवाल उठता है कि टोकन जारी करने का आधार आखिर क्या होगा?
कैसे तय होगा कि कौन कहां का ग्राहक है
एसोसिएशन के महामंत्री सुयश रस्तोगी का कहना है कि जितनी भी दुकानें हैं उनके एक एक वाहन आबूप्लाजा की पार्किंग में खड़े किए जाएंगे। अन्य वाहनों को आबूलेन की वैकल्पिक पार्किंग में खड़ी करने के लिए कहा जा रहा है। ग्राहकों के लिए टोकन देने का विचार है। अगर कोई ग्राहक वाहन लेकर आबूप्लाजा में आता है तो वह खरीददारी करे या न करें, वह जिस भी दुकान में आएगा वहां उसे एक टोकन मिलेगा। पार्किंग से वाहन निकालते समय उन्हें वह टोकन दिखाना पड़ेगा। टोकन न होने पर संबंधित व्यक्ति से पचास रुपये पेनाल्टी के तौर पर लगाया जा सकता है। प्लाजा में इस तरह टोकन सिस्टम शुरू करने की बात तो की जा रही है, लेकिन इससे भी व्यवस्था को पूरी तरह से नहीं सुधारा जा सकेगा। क्योंकि बहुत से ग्राहक आबूप्लाजा में गाड़ी खड़ी करके किसी दुकान में जाकर विजिट करके वहां से टोकन ले सकते हैं। बाद में वह आबूलेन मे जाकर खरीददारी करके फिर उस टोकन को दिखाकर अपने वाहन ले जा सकते हैं। इस सवाल का जवाब किसी को नहीं सूझ रहा है।