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सुप्रीम कोर्ट की पहल से जल्द निकलेगा वीसी-रजिस्ट्रार विवाद का हल

जागरण संवाददाता, मेरठ: चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में पिछले नौ महीने से कुलपति वीसी गोयल और रजिस्ट्र

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 08:50 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 08:50 PM (IST)

जागरण संवाददाता, मेरठ: चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में पिछले नौ महीने से कुलपति वीसी गोयल और रजिस्ट्रार मनोज सिंह के बीच विवाद चल रहा है। जल्द ही यह लड़ाई खत्म होने वाली है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन और कुलपति की सुनवाई हुई। इसके बाद उम्मीद है कि एक दो दिन में इस विवाद का हल निकल जाए।

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विश्वविद्यालय में अक्टूबर 2014 से कुलपति वीसी गोयल ने रजिस्ट्रार मनोज सिंह को कार्यमुक्त कर दिया है। उनकी जगह पर प्रभाष द्विवेदी विवि में रजिस्ट्रार का काम देख रहे हैं। विवि में रजिस्ट्रार मनोज सिंह को कार्यमुक्त किए जाने के बाद से उनका कार्यालय भी सील कर दिया गया। पिछले नौ माह में मनोज सिंह का मामला शासन, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। शासन के आदेश के बाद भी वीसी ने रजिस्ट्रार को ज्वाइन नहीं कराया, जिसे लेकर रजिस्ट्रार को हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शासन को पार्टी मानते हुए प्रमुख सचिव और कुलपति को तलब किया था। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश और कुलपति वीसी गोयल सुनवाई चली। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह बात यहां तक नहीं आनी चाहिए थी। प्रमुख सचिव व वीसी आपस में ही वार्ता करके तय कर लें कि क्या करना सही रहेगा। बाद में वह इससे सुप्रीम कोर्ट को सूचित कर दें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अटार्नी जनरल के कमरे में वीसी गोयल और प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार की वार्ता चली। सूत्रों की माने तो प्रमुख सचिव इस मामले में शासन के सम्मान को बचाना चाहते हैं, जिससे की उनकी बात रह जाए, लेकिन इस मामले में कुलपति का महत्व कम न हो, इसका भी उन्हें संज्ञान रखना होगा। प्रमुख सचिव व वीसी गोयल की वार्ता में इस पर चर्चा हुई कि मनोज सिंह को कुलपति ज्वाइन कराकर उनके वेतन आदि निकाल दें, बाद में शासन से जल्द ही रजिस्ट्रार का दूसरे जगह ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इस तरह से देखा जाए तो इस मामले में अब केवल सम्मान की लड़ाई रह गई है। कुलपति वीसी गोयल ने बताया कि इस मामले में चीफ सेक्रेटरी से वार्ता करके जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा, यह मामला अब सम्मान के लिए रह गया है। कोर्ट से 10 अगस्त तक का समय बचा है। शासन चाहता है कि वह रजिस्ट्रार का ज्वाइन करा दें, बाद में शासन यहां से रजिस्ट्रार को दूसरी जगह स्थानांतरित कर देगा।


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