सियासी 'सौदे' पर बैठी मजिस्ट्रेटी जांच
मेरठ : प्रदेश में तहलका मचाने वाले मेरठ के सर्किट हाउस कांड पर 11 दिन बाद आखिर कार जांच बैठ ही गई। स
मेरठ : प्रदेश में तहलका मचाने वाले मेरठ के सर्किट हाउस कांड पर 11 दिन बाद आखिर कार जांच बैठ ही गई। सीओ सिविल लाइन और एसीएम को एसएसपी ने जांच के आदेश दिए हैं, दोनों ही अफसर अब पता लगाएंगे कि नोटों से भरा कार्टन कौन लेकर आया था और किसके लिए लाया गया था। यह जांच डीएम की ओर से दस दिन पहले एसएसपी को भेजे गए पत्र के आधार पर बैठाई गई है।
सर्किट हाउस के अंदर कार्टन में आए पांच करोड़ रुपये बसपा की छवि को धूमिल कर रहे हैं। सर्किट हाउस में होने वाली सियासत की सौदेबाजी पर लखनऊ तक हलचल मची हुई है। इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर ने 26 जून को घटना वाले दिन ही डीएम से वार्ता की थी, जिसमें पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की बात कही गई थ, क्योंकि नोटों से भरा कार्टन लेकर आने वाली गाजियाबाद की एक्सयूवी गाड़ी कैबिनेट मंत्री की गाड़ी के बराबर में आकर रुकी थी। बतौर, डीएम पंकज यादव ने दस दिन पहले ही बताया था कि एसएसपी डीसी दूबे को पूरे प्रकरण में जांच के आदेश दिए। हालांकि एसएसपी बार-बार डीएम का पत्र नहीं मिलने की बात कह रहे थे। मामले की गूंज लखनऊ तक होने के बाद अफसरों को बैकफुट पर आना ही पड़ा। रविवार को एसएसपी डीसी दूबे ने सर्किट हाउस कांड पर जांच बैठा दी है। उन्होंने बताया कि डीएम का पत्र भी मिला है, जिसके बाद उनसे बैठकर वार्ता भी हो चुकी है। सीओ सिविल लाइन स्वर्णजीत कौर और एसीएम राम भरत तिवारी को संयुक्त रूप से जांच करने के निर्देश दिए हैं। दोनों ही अफसर अब सर्किट हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिग भी हासिल करेंगे। इतना ही नहीं, जांच में दैनिक जागरण के फोटो को बतौर सबूत के शामिल किया जाएगा। एसएसपी ने बताया कि सीओ और एसीएम पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे। इसकी रिपोर्ट डीएम और एसएसपी को भी दी जाएगी।
जांच बैठने से बसपा के कद्दावरों में हडकंप
मेरठ : सर्किट हाउस के नोट कांड पर पुलिस और प्रशासनिक जांच बैठने पर बसपा के कद्दावरों में हड़कंप मच गया है। कार्टन के इर्द-गिर्द घूम रहे बसपाइयों की गर्दन जांच में फंसती दिखाई दे रही है। नोटों के कार्टन को लाने और ले जाने वाली गाड़ी के समीप रहने के बाद भी अपने बयानों को बदल रहे बसपा के नेता जांच में पूरी तरह से फंस जाएंगे। माना जा रहा है कि मौका-ए-वारदात पर मौजूद प्रत्येक शख्स के जांच में बयान दर्ज किए जाएंगे। साथ ही सर्किट हाउस से सभी सबूत की तलाश की जाएगी।
ये था मामला :
26 जून को मेरठ के सर्किट हाउस के रूम नंबर दो में सपा कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर और रूम नंबर चार में बसपा के नसीमुद्दीन सिद्दीकी ठहरे हुए थे। गाजियाबाद के बिल्डर अनिल राणा की एक्सयूवी में करीब पांच करोड़ के नोटों से भरा कार्टन आने का पता चलता है। नोटों का कार्टन लेकर आई गाड़ी कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर की गाड़ी के समीप रुकी थी। यह अभी भी जांच का विषय है, खुद कैबिनेट मंत्री ही इसकी जांच कराएंगे, जबकि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने भी कार्टन प्रकरण से किनारा कर लिया था। कार्टन के पास कैंट प्रत्याशी शैलेंद्र चौधरी, गाजियाबाद के पूर्व जिलाध्यक्ष रामप्रसाद, जोन को-आर्डिनेटर के चाचा मामचंद खड़े है। जिस एक्सयूवी में कार्टन रखकर ले गए थे, उसे गाजियाबाद के बिल्डर करने प्रधान का बेटा राहुल चला रहा था।