सिपाही को पीट-पीटकर मारने वाले दो किशोर गिरफ्तार
मेरठ : राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में बाल अपराधियों की अराजकता ने पुलिस से एक जवान छीन लिया था। इस हम
मेरठ : राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में बाल अपराधियों की अराजकता ने पुलिस से एक जवान छीन लिया था। इस हमले में आरआइ समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने पच्चीस किशोरों को नामजद किया था, जिसमें से दो जमानत पाने के बाद किशोर गृह से छूट गए थे। पुलिस ने बुलंदशहर में दबिशें डालकर फरार चल रहे दो किशोरों को पकड़कर दोबारा से किशोर गृह में भेज दिया। हाल में उक्त दोनों किशोरों पर हत्या, डकैती तथा सरकारी कार्य में बांधा डालने का मुकदमा दर्ज है।
12 दिसंबर को राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह के किशोर बुलंदशहर पेशी से लौटते सयम बेकाबू हो गए थे। उन्हें जब वज्रवाहन से किशोर गृह में वापस भेजने लगे। तभी उग्र हुए किशोरों ने अंदर जाने के बजाय पुलिस पर हमला बोल दिया। कई पुलिसकर्मियों ने भागकर जान बचाई। प्रतिसार निरीक्षक श्रीभगवान, हेड कांस्टेबिल मंतू सिंह और सिपाही ओमप्रकाश किशोरों के चंगुल में फंस गए। किशोरों ने ओमप्रकाश को ईटों और पास की दुकानों से बल्ले उठाकर इतना मारा कि उन्होंने उपचार के दौरान जसवंत राय अस्पताल में दम तोड़ दिया। ओमप्रकाश भी बुलंदशहर के फजलपुर गांव के रहने वाले थे। सिपाही की शहादत के बाद पूरा पुलिस महकमा हिल गया था। पुलिस ने उस समय राजा और भूरा समेत 25 किशोरों पर हत्या, डकैती और सरकारी कार्य में बांधा डालने का मुकदमा दर्ज किया था। राजा उर्फ सुफियान और भूरा बालिग होने के बाद गाजियाबाद और नोएडा के जिला कारागार में शिफ्ट कर दिया था। उक्त 25 किशोरों में से इमरान पुत्र शब्बीर और आरिफ पुत्र शमसुद्दीन निवासी नौसाना थाना कोतवाली देहात, बुलंदशहर सिपाही की हत्या के दो दिन बाद जमानत पर छूट गए थे। उक्त दोनों किशोरों को पकड़ने के लिए पुलिस ताबड़तोड़ दबिशें डाल रही थी। एसओ नौचंदी विनोद कुमार ने बताया कि देर रात बुलंदशहर से इमरान और आरिफ को पकड़ लिया है। दोनों के नाबालिग होने के कारण दोबारा से राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में भेज दिया गया।