लिम्बा बुक में दर्ज हुई विशांत की ट्राइ साइकिल
मेरठ : स्कूलों में पढ़ रहे युवाओं में हुनर की कमी नहीं है। अगर सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिले तो वे
मेरठ : स्कूलों में पढ़ रहे युवाओं में हुनर की कमी नहीं है। अगर सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिले तो वे हर मंजिल को पा सकते हैं। गंगानगर में रहने वाले विशांत मलिक ने कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है। विशांत ने सेहत के साथ सफर का आनंद लेने के लिए एक ट्राइ साइकिल गत वर्ष जून महीने में कक्षा दसवीं में पढ़ाई के दौरान बनाई थी। अब विशांत की साइकिल को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में ट्रांसपोर्ट सेक्शन में दर्ज कर लिया गया है।
ट्रांसलेम एकेडमी इंटरनेशनल में इन दिनों कॉमर्स वर्ग में कक्षा 11वीं की पढ़ाई कर रहे विशांत ने एक महीने के प्रयास से सफर के साथ सेहत भी बनाने वाली ट्राइ साइकिल बनाई थी। विशांत के पिता कुलदीप मलिक पेशे से किसान हैं और माता योगिता मलिक गृहिणी हैं। इस साइकिल से जिम में जाकर साइक्लिंग करने से निजात मिलेगी। खुले वातावरण में सफर के साथ साइक्लिंग का आनंद उठाया जा सकता है। विशांत ने जुलाई महीने में ही लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपनी इस खोज को दर्ज कराने का आवेदन किया था। बकौल विशांत पूरी छानबीन के बाद उनकी इस खोज को बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की सूची में शामिल किया गया है। विशांत का कहना है कि यदि उसे कोई सरकारी अथवा अन्य मदद मिले तो वह अपनी इस खोज को और आगे ले जाने के साथ ही नए आविष्कारों पर भी कार्य करना चाहता है।