भूमि अधिग्रहण कानून में बदलावों पर रालोद ने बोला हल्ला
रमेरठ: राष्ट्रीय लोकदल ने बुधवार को नए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधनों के खिलाफ केंद्र सरकार के खिल
रमेरठ: राष्ट्रीय लोकदल ने बुधवार को नए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधनों के खिलाफ केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। कलक्ट्रेट में हुए प्रदर्शन में गन्ना भुगतान न होने और किसानों के ट्यूबवैलों के बिजली के कनेक्शन काटने को लेकर प्रदेश सरकार को भी कोसा गया। एडीएम प्रशासन की उपस्थिति में डीसीओ, पावर कारपोरेशन के अधिकारियों से वार्ता के बाद धरना समाप्त किया गया।
नए भूमि अधिग्रहण कानून में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों के विरोध में 28 जनवरी को रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह ने वेस्ट यूपी के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन का ऐलान किया था। कड़कड़ाती ठंड के बावजूद रालोद कार्यकर्ता काफी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रालियों और बसों में भर कर कमिश्नरी चौराहे पर एकत्र हुए और फिर सवा बजे जलूस की शक्ल में कलक्ट्रेट पहुंचे। जिलाधिकारी के नहीं मिलने पर कार्यकर्ता जमीन पर ही बैठ गए। वेस्ट यूपी महासचिव डा. राजकुमार सांगवान ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन कर केंद्र सरकार किसानों की भूमि को हड़पने की साजिश रच रही है। जिलाध्यक्ष यशवीर सिंह ने कहा कि एक ओर गन्ना भुगतान न होने से किसान आर्थिक तंगी में हैं, भुगतान की मांग किए जाने पर उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। यूरिया की कालाबाजारी रोकने, ओवर लोड की तुरंत स्वीकृति आदि मांगों से संबंधित सात सूत्रीय ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा गया। सुनील रोहटा ने कहा कि अगर भूमि अधिग्रहण कानून में किए संशोधन वापस नहीं लिए गए तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। रालोद प्रतिनिधिमंडल ने गन्ना, पावर कारपोरेशन और पीडब्लूडी के अधिकारियों के समक्ष समस्याएं रखी। डा. सांगवान ने कहा कि अधिकारियों ने बिजली और मवाना मिल पर धरने के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस कराने का आश्वासन दिया। पूर्व विधायक परवेज हलीम, राजेंद्र चिकारा, किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राममेहर सिंह, एनुद्दीनशाह, योगेश फौजी, गौरव जिटौली, नायब अली, मनोज जिटौली, इंद्रपाल सिंह, नरेश नंगला, शोहराब गयासी आदि मौजूद रहे।
सड़क पर बैठ कर लगाया जाम
मेरठ: कमिश्नरी चौराहे से डीएम कार्यालय तक मार्च के दौरान कुछ नेता नगर आयुक्त के कैंप कार्यालय के आगे ही सड़क पर बैठ गए। पदाधिकारी मौके पर ही अधिकारियों को बुलाने की मांग कर रहे थे। बाद में पुलिस अधिकारियों ने डीएम कार्यालय पर अधिकारियों को बुलाने का आश्वासन दिया इसके बाद लोग आगे बढ़े। इस बीच महापौर की गाड़ी भी आ गई जो काफी देर तक जाम में फंसी रही।