मेरठ के सैन्य अधिकारियों को सम्मान
मेरठ : 66वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सैन्यकर्मियों को दिए जाने वा
मेरठ : 66वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सैन्यकर्मियों को दिए जाने वाले वीरता पुरस्कार और अलंकरण सम्मानों की घोषणा की। सैन्य सम्मान हासिल करने वालों में मेरठ के मूल रूप से वाशिंदे और यहां की छावनी में विभिन्न पदों पर कमान संभालने वाले अफसर भी शामिल हैं।
घोषित सम्मान की सूची में मूल रूप से मेरठ के 142, जत्तीवाड़ा निवासी सुरेंद्र दयाल के पुत्र मेजर जनरल कपिल कुमार अग्रवाल हैं। ईएमई कोर के इस अधिकारी को विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया है। 1979 बैच के सैन्य अधिकारी कपिल अग्रवाल वर्तमान में आर्मी पे कमीशन के चेयरमैन हैं।
बचपन से ही कपिल कुमार मेधावी छात्र रहे। 1978 में उन्होंने मेरठ विवि से बीएससी की परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया और गोल्ड मेडल से नवाजे गए। 1979 में आइएमए देहरादून से फौज की सेवा में शामिल हुए कपिल कुमार विभिन्न अहम पदों पर रहे हैं। इसमें मौरीशस में तीन वर्ष की तैनाती, लद्दाख में दो टर्म की तैनाती आदि शामिल है। उनके इस सम्मान ने मेरठ का मान बढ़ाया है।
इसी तरह मेरठ छावनी में आरवीसी एंड कालेज में कमांडेंट रहे ले. जनरल जगविंदर सिंह को भी विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया है। जनरल जगविंदर ने अपने कार्यकाल के दौरान मेरठ में श्वान फौजियों के प्रशिक्षण में कई और विधाएं जोड़ीं। इन्हीं के कार्यकाल में बॉर्डर पेट्रोलिंग डॉग्स भी तैयार हुए। अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में टीम भी इनके रहते ही मेरठ से रवाना हुई थी। वे गत वर्ष ही आरवीसी के महानिदेशक बनकर दिल्ली गए।
मेरठ छावनी में ही तैनात रहे ले. जनरल फिलिप कम्पोज को परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया है। जनरल कम्पोज मेरठ छावनी स्थित चार्जिग रैम डिव के जनरल ऑफिसर कमांडिंग रहे चुके हैं। वे अपने कार्यकाल के दौरान इसलिए ज्यादा चर्चित रहे क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान ही औघड़नाथ मंदिर पर फौज ने सख्ती करते हुए आमजनों के लिए पहली बार राह रोकी गई थी। कैंट बोर्ड और जन प्रतिनिधियों की लंबी कोशिश के बाद ही जनरल फिलिप रास्ता खोलने पर राजी हुए थे।