नोटिस और मुनादी से दुकानदारों के उड़े होश
मेरठ : नए साल के आगमन और ठंड के सीजन में बाजारों में व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं, वहीं सेंट्रल
मेरठ : नए साल के आगमन और ठंड के सीजन में बाजारों में व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं, वहीं सेंट्रल मार्केट के बीस दुकानदार पूरी तरह मायूस हैं। हाईकोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश की गाज अभी भी सुप्रीमकोर्ट के स्टे दिए जाने के आदेश से पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। रविवार को आवास विकास परिषद द्वारा भूखंड संख्या 661/6 में निर्मित दुकानों में नोटिस चस्पा करने और 21 दिसंबर की शाम तक दुकानों से सामान हटाने की मुनादी कराने से हड़कंप मच गया। बाजार में ग्राहकों की खासी संख्या के बावजूद सहमे दुकानदार सड़कों पर खड़े होकर आवास विकास परिषद और प्रशासन की अग्रिम कार्रवाई के विषय में कयास लगाते रहे।
हाईकोर्ट ने पांच दिसंबर के आदेश में शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट स्थित 661 /6 में निर्मित दुकानों को 31 दिसंबर तक ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। लगभग 375 वर्ग मीटर के उक्त भूखंड में 22 दुकानें निर्मित की गई हैं। कई नामी ब्रांड के शोरूम कॉप्लेक्स में बने हैं। मामले में स्टे के लिए दुकान नंबर 6 और दस के राजेंद्र बड़जात्या और संदीप सिंह ने उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर की थी। दस लाख रुपये जमानत के रूप में जमा करवा कर सुप्रीम कोर्ट ने उक्त दोनो दुकानों ध्वस्त नहीं करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राहत महसूस कर रहे दुकानदारों को अचानक तब झटका लगा जब परिषद के अधिकारियों ने छह और दस दुकानों को छोड़ कर अन्य के ध्वस्तीकरण के लिए फोर्स मांगी। रही सही कसर रविवार को उस समय पूरी हो गई जब दुकानदार अपने अपने प्रतिष्ठानों पर पहुंचे तो वहां नोटिस चस्पा मिले। जिनमें निश्चित समयावधि में दुकान खाली करने के लिए कहा गया था। हांलाकि जल्द ही नोटिस फाड़ दिए गए।
21 की शाम तक खाली कर दें दुकान
मामला हाई कोर्ट का होने के चलते आवास विकास परिषद भी पूरी नियम प्रक्रिया का पालन कर रहा है। दिन में कई बार सेंट्रल मार्केट में रिक्शे से मुनादी कराई गई। प्री रिकार्डेड आवाज के माध्यम से दुकानदारों को सूचना दी गई कि 21 की शाम तक दुकानों से सामान हटा लें अन्यथा ध्वस्तीकरण के दौरान सामान की नुकसान की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
उठने लगा सामान
मुनादी के बाद कुछ दुकानदार इस कदर सहम गए कि आननफानन में छोटा हाथी गाड़ी मंगाकर सामान लादना शुरू कर दिया। हालांकि अन्य दुकानदार ने संगठित होकर लड़ाई लड़ने की बात कही।
पावर कारपोरेशन को लिखा पत्र
आवास विकास परिषद के अधिशासी अभियंता आरके गुप्ता ने बताया कि पावर कारपोरेशन को पत्र लिखा गया कि दुकानों का बिजली कनेक्शन जल्द काटा जाए ताकि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान कोई दुर्घटना न हो। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को सामान निकालने के लिए एक दिन का समय और दिया गया है 22 की शाम तक दुकानें खाली करने के लिए कहा गया है।