मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति देगा कैंट बोर्ड
मेरठ : छावनी परिषद की गुरुवार को विशेष बोर्ड बैठक में परिषद से संचालित स्कूलों में उपस्थिति में सुध
मेरठ : छावनी परिषद की गुरुवार को विशेष बोर्ड बैठक में परिषद से संचालित स्कूलों में उपस्थिति में सुधार व गुणवत्ता परक शिक्षा को बढ़ाने के लिए मेधावी छात्र- छात्राओं को विशेष छात्रवृत्ति देने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया।
विशेष बोर्ड बैठक में बोर्ड से संचालित सीएबी इंटर कालेज, प्राइमरी स्कूलों आदि में पढ़ने वाले उन मेधावी छात्र-छात्राओं को, जो अपनी कक्षा में प्रथम आएंगे, के लिए प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने की घोषणा की गई।
इसमें कक्षा दो में 100 रुपये प्रतिमाह, कक्षा तीन में 200 रुपये, कक्षा चार में तीन सौ रुपये, कक्षा पांच में चार सौ रुपये, कक्षा छह में पांच सौ रुपये, कक्षा सात में छह सौ रुपये, कक्षा आठ में 700 रुपये, कक्षा नौ में 800 रुपये, कक्षा दस में 900 रुपये, कक्षा 11 में एक हजार रुपये, कक्षा 12 के छात्र छात्राओं को 1100 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति देने पर सहमति दे दी गई। बैठक में बीना वाधवा ने सीएबी में एनुअल स्पोर्ट्स-डे शुरू कराने का सुझाव रखा। बैठक में सब एरिया कमांडर सुनील यादव, सीईओ डीएन यादव, उपाध्यक्ष शिप्रा रस्तोगी, दिनेश गोयल, प्रेम कुमार, अजमल कमाल, जगमोहन शाकाल, ममता गुप्ता, शशि साहू, कर्नल सुबोध गर्ग मौजूद रहे।
सिविल जज के खिलाफ बोर्ड देगा शपथपत्र
बोर्ड ने मेरठ सिविल जज पर एक तरफा न्याय करने और बोर्ड का पक्ष जाने बिना सुनवाई करने का आरोप लगाया है। जिसकी शिकायत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से की गई है। जिस पर हाईकोर्ट ने शपथपत्र मांगा है। विशेष बोर्ड बैठक में उक्त जज के खिलाफ शपथपत्र दाखिल करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया।
महिला आरक्षित वार्ड पर मुहर
लाटरी के माध्यम से महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड एक, दो और छह पर बोर्ड ने मुहर लगाते हुए केंद्र सरकार को अधिसूचना के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव पास किया। हालांकि महिला वार्ड के आरक्षण पर जगमोहन शाकाल, दिनेश गोयल की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई। दिनेश गोयल ने वार्ड पांच और छह में वोटरों में अंतर का मामला उठाया।
फुटबाल ग्राउंड की चारदिवारी
रजबन में फुटबाल ग्राउंड की चारदिवारी करने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया। 21 लाख की लागत से इसके चारों तरफ छह फीट की चारदीवारी की जाएगी।
बोर्ड से 340 नंबर की फाइल गायब
कैंट बोर्ड के सीइइ अनुज सिंह के खिलाफ चल रही जांच के मामले में बोर्ड में कोई निर्णय नहीं हो पाया। अनुज सिंह ने अपने उपर लगाए गए आरोप के बचाव जांच अधिकारी के समक्ष प्रतिवेदन भेजकर कहा है कि उनके बचाव में दस्तावेज नहीं दिए जा रहे हैं। इस मामले में जांच अधिकारी से दस जनवरी तक मामले को निपटा लेने के लिए कहा है। विशेष बोर्ड बैठक में सीइओ ने बताया फाइल नंबर 340 नहीं मिल रही है, लेकिन जो भी उपलब्ध दस्तावेज हैं, उसे उपलब्ध करा दिया गया है। दस्तावेज न दिखाने का आरोप गलत है। जो दस्तावेज डिजिटल रूप में है, उसे पेन ड्राइव में उपलब्ध करा दिया जाएगा। दिनेश गोयल ने अनुज सिंह को काम दिए जाने की वकालत की। इस पर बोर्ड के कर्नल सुबोध गर्ग ने अगले बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखने का सुझाव दिया।
पूरा सिस्टम दोषी- अनुज
बोर्ड की विशेष बैठक के बाद अवैध निर्माण के मामले में आरोपी अनुज सिंह ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि बगैर प्रारंभिक जांच के ही उन पर आरोप लगा दिया गया। उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। बोर्ड से 340 नंबर की फाइल, 22 बी और 167 के मामले में जो फाइल मांगी गई उसे अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया। संबंधित दस्तावेज ही गायब कर दिया गया है। अवैध निर्माण केवल उनके समय में ही नहीं हुए, उससे पहले भी हुए और बाद में भी। जहां पूरा सिस्टम दोषी है, वहां उन पर एक तरफा कार्रवाई उचित नहीं है। उधर, इस मामले में कैंट प्रवक्ता एमए जफर का कहना है कि कोई फाइल गायब नहीं है, चालीस हजार दस्तावेज उन्हें दिखाए जा चुके हैं।
बोर्ड की विशेष बैठक में आइआइटी रुड़की की ओर से किए गए लैंड सर्वे की रिपोर्ट को रखा गया। सीईओ ने बताया कि इसे आरटीआइ के माध्यम से केवल देखा जा सकता है, इसकी प्रति नहीं दी जाएगी। इस डिजिटल लैंड सर्वे रिपोर्ट से जमीनों के रिकार्ड सही करने में मदद मिलेगी।