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'नई दवाएं अब मिर्गी में ज्यादा कारगर'

मेरठ : चिकित्सा विज्ञान कई गंभीर बीमारियों पर काबू पाने में अब सक्षम हो चुका है। मिर्गी की चिकित्सा

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 09:39 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 09:39 PM (IST)

मेरठ : चिकित्सा विज्ञान कई गंभीर बीमारियों पर काबू पाने में अब सक्षम हो चुका है। मिर्गी की चिकित्सा अब नई दवाओं एवं शोधों के माध्यम से पहले से ज्यादा सुलभ हो चुकी हैं। बस, मरीजों के परिजन को नियमित इलाज पर विशेष ध्यान देना होगा। क्रिटिकल केयर सोसाइटी की ओर से क्रिस्टल पैलेस में मिर्गी रोग पर आयोजित एक कार्यक्रम में वरिष्ठ न्यूरोफिजीशियन डा. भूपेन्द्र चौधरी ने उक्त बातें बताई।

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डा. भूपेन्द्र ने कहा कि उच्च तकनीक से ब्रेन मैपिंग कर अब मिर्गी उत्पन्न करने वाली तरंगों एवं उससे प्रभावित हिस्से के बारे में ज्यादा सटीकता के साथ पता किया जा सकता है। उन्होंने मिर्गी पर दुनियाभर में हुए शोध कार्य, नई दवाओं, जांच तकनीकों एवं अन्य तथ्यों के बारे में विस्तार से बताया। साफ किया कि मिर्गी की अलग-अलग स्टेज में दवाओं का चयन एवं उसकी खुराक का विशेष मायने हैं। लंबे समय तक मिर्गी को भूत-प्रेत का प्रभाव माना जाता रहा, जबकि अब सारी भ्रांतियां दूर हो रही हैं। दिमाग की नसों में रक्त के प्रवाह की टीसीडी जांच कर दौरे की संभावना को पहले भी जांचा जा सकता है। डा. भूपेन्द्र ने दावा किया कि मिर्गी का मरीज सटीक इलाज से पूरी तरह सामान्य जीवन बिता सकता है। वरिष्ठ फिजीशियन डा. अदीप मित्रा एवं डा. एसपी सोंधी ने कार्यक्रम का संचालन किया। संगठन के अध्यक्ष डा. वीरोत्तम तोमर एवं डा. नीरज गोयल ने चिकित्सकों का आभार जताया। डा. विनोद अरोड़ा, डा. राहुल मित्थल, डा. बीपी सिंहल, डा. पुनीत भसीन, डा. प्रशांत बेन्द्रे, डा. दिनेश अग्रवाल, डा. अनिल चौहान व अन्य चिकित्सक भी शामिल हुए।


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