संसद में मेरठ की दावेदारी का भरेंगे दम
मेरठ : बदलाव के आश्वासन के साथ केंद्र में सत्तासीन हुई भाजपा पर अच्छे दिन लाने का दबाव है, तो सांसदो
मेरठ : बदलाव के आश्वासन के साथ केंद्र में सत्तासीन हुई भाजपा पर अच्छे दिन लाने का दबाव है, तो सांसदों पर तमाम योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का दायित्व। आश्वासन अभी जमीन से ऊपर ही तैर रहे हैं। उम्मीद प्रतिनिधि से बढ़ जाती है। खासकर तब, जब केंद्र में भाजपा की सरकार है। सांसद, मेयर, एवं विधायक भाजपा के हैं। मोदी सरकार ने तकरीबन पांच माह का समय निकाल दिया, लेकिन हाईकोर्ट बेंच, एयरपोर्ट, एक्सप्रेस वे, फ्रेट कॉरीडोर एवं रैपिड रेल के प्रोजेक्ट पर एक इंच भी प्रगति नहीं दिखती। दैनिक जागरण ने विचार मंच के जरिये जिज्ञासाओं को मंच दिया। विभिन्न मुद्दों पर अपने सांसद से हिसाब लिया गया। परामर्श भी दिए गए।
मेरठ संसदीय सीट से दूसरी बार सांसद चुने गए राजेंद्र अग्रवाल के समक्ष पृथक हाइकोर्ट बेंच, हवाई उड़ान, एक्सप्रेस वे, रैपिड रेल, दोहरीकरण, सीवरेज एवं उद्योगों का भयावह प्रदूषण का मुददा मुंह बाए खड़ा है। दैनिक जागरण ने विचार मंच के जरिये शहर के सभी वर्गो के प्रतिनिधि को आमंत्रित किया। दो घंटे के सत्र में विकास योजनाओं का विवरण एवं उस पर अमल की तस्वीर खंगाली गई। हाईकोर्ट बेंच की मांग में अब तक प्रगति न होने पर बार एसोसिएशन ने स्थानीय भाजपा नेतृत्व पर सवाल उठाया। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने साफ किया कि वह मेरठ में बेंच बनाने के पैरोकार हैं। एयरपोर्ट पर मेरठ का दावा मजबूत बताया। कहा कि जमीन अधिग्रहण की दिक्कत है। जल्द ही छोटे विमानों के उड़ाने की संभावनाओं पर काम किया जाएगा। एक्सप्रेस वे पर कहा कि गत सरकारों ने मार्च 2014 तक टेंडर के लिए कहा था, किंतु जमीन अधिग्रहण कराए बिना टेंडर का कोई मतलब नहीं। वह राज्य सरकार से मिलकर जमीन उपलब्ध कराने की बात करेंगे। हाइवे के साथ एलीवेटेड रैपिड रेल पर घिर सांसद ने कहा कि मंडलायुक्त शीघ्र रोडमैप बनाकर देंगे, जिसके बाद अमल होगा। खेल कारोबारियों ने कहा कि ग्लबस पर टैक्स में राहत दे दे गई, किंतु अन्य आयटमों को छोड़ दिया गया। जिस पर सांसद ने आयटमों की सूची मांगते हुए मंत्रालय से वार्ता करने का आश्वासन दिया। हाइवे किनारे ट्रामा सेंटर, मेडिकल कालेज को पीएमएसएसवाइ योजना के तहत 125 करोड़ का बजट जारी करवाने एवं काली नदी की सफाई पर नए सिर से अमल करने की बात कही। शिक्षा, आनलाइन ट्रेडिंग, एवं एफडीआइ पर भी चिंतन और परामर्श जमकर चला।