'जनता दरबार' में भड़के सांसद, मुखर हुआ विरोध
मेरठ : अपने ही घर में विरोधों का सामना कर रहे सांसद राजेंद्र अग्रवाल की दिक्कतें बुधवार को एक बार फिर से बढ़ गई। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा व सांसद के विरोध के बैनर के बाद अब क्षेत्रीय लोग कालोनी की उपेक्षा पर एक बार फिर सांसद के विरोध में उतर आए आए हैं। उनके आचरण की जांच के लिए लोकसभा स्पीकर को शिकायत भेजी गई है।
आर्य समाज मंदिर, सूरजकुंड पर बुधवार को सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने 'जनता दरबार' के तहत समस्याएं सुनीं। इस दौरान कई फरियादियों ने समस्याएं बताने के साथ ही उनके निराकरण की मांग की, जिस पर सांसद ने आश्वासन दिया। 'जनता दरबार' चल ही रहा था कि मंगल पांडे नगर आवासीय कल्याण समिति के सचिव देवेंद्र तोमर कालोनी की समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय लोगों के साथ पहुंचे।
बकौल देवेंद्र, उन्होंने कालोनी के नौ पार्क के सौंदर्यीकरण, टूटी दीवार को दुरुस्त करने व सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बाबत मांग-पत्र सांसद को दिया। सांसद को बताया कि उन्हें रजिस्टर्ड डाक से भी यह मांग-पत्र पूर्व में भेजा गया, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। इस पर सांसद उखड़ गए। उन्होंने कहा कि रजिस्टर्ड डाक से मांग-पत्र क्यों भेजा, आप व्यक्तिगत रूप से मिलते। दोनों ओर से तनातनी हुई। आरोप है कि सांसद के कहने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने देवेंद्र को साथियों संग मंदिर से बाहर निकाल दिया। इससे मंगलपांडे नगर कालोनी के लोगों में रोष फैल गया।
देवेंद्र ने बताया कि उन्होंने सांसद के रवैये की शिकायत प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, विनीत शारदा व संघ नेता विनोद भारती आदि से की है। वहीं मंगलपांडे कालोनी के रहने वाले अधिवक्ता मन्नू सिंह ने कहा कि सांसद शुरू से ही कालोनी की उपेक्षा करते रहे हैं। बुधवार को उनका बर्ताव, निंदनीय है। लोकसभा अध्यक्ष को सांसद के जनता संग व्यवहार की जांच के लिए शिकायत भेजी गई है। बता दें, लोकसभा चुनाव के दौरान मंगलपांडे नगर में सांसद व भाजपा विरोधी बैनर लगे थे। इसके बाद शहरभर में कई स्थानों पर सांसद का विरोध हुआ था।
उधर, सांसद राजेंद्र अग्रवाल से जब इस बाबत करने की कोशिश की गई तो उनका फोन पहले तो लगातार व्यस्त आता रहा, बाद में स्विच ऑफ कर दिया गया। एसएमएस का भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, उनके निजी सचिव हर्ष गोयल ने बताया कि सांसद ने कोई अमर्यादित व्यवहार नहीं किया। देवेंद्र तोमर को कालोनी के विकास का आश्वासन दिया गया, लेकिन वह अनायास बहस करने लगे, जिस पर कार्यकर्ताओं ने उन्हें माहौल खराब न करने की हिदायत देते हुए बाहर निकाला।