प्रारंभिक से भी आसान रही पुलिस की मुख्य परीक्षा
मेरठ : उत्तर प्रदेश पुलिस में उप निरीक्षक नागरिक पुलिस और पीएसी सीधी भर्ती परीक्षा-2011 की मुख्य परीक्षा रविवार को शहर के दो केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच हुई। कानूनी पेचीदगी में अटकी परीक्षा के देर से आयोजन के बाद भी परीक्षार्थियों की उपस्थिति 97 प्रतिशत रही। परीक्षार्थियों के जोश में कोई कमी नजर नहीं आई, लेकिन अधिकतर का कहना है कि मुख्य परीक्षा का पेपर प्रारंभिक परीक्षा के पेपर से भी आसान रहा।
मेरठ, बिजनौर सहित आस-पास के जिलों से परीक्षा देने पहुंचे अशोक सैनी, सरवीन कुमार, जय सिंह, राहुल चौहान, नवनीत सिंह, संदीप कुमार व देवराज सिंह आदि के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा के मुकाबले इस परीक्षा के प्रश्न काफी आसान रहे। फर्क सिर्फ इतना ही रहा कि प्रारंभिक परीक्षा में जहां पास होने के लिए कुल 50 प्रतिशत अंक लाने थे वहीं इस परीक्षा के हर वर्ग में 50 प्रतिशत अंक लाने वाले ही उत्तीर्ण होंगे।
अवसर मिलने के आसार
प्रदेशभर में चार हजार 10 रिक्तियों के लिए करीब 16 हजार एक सौ परीक्षार्थी मुख्य परीक्षा के लिए पात्र थे। परीक्षार्थियों का मानना है कि इनमें से लगभग 12 से 13 हजार परीक्षार्थी साक्षात्कार तक पहुंच सकते हैं। तीन गुना अभ्यर्थियों में से रिक्तियों के लिए चयन किया जाएगा।
400 अंक, पांच घंटे
मुख्य परीक्षा का पहला पेपर तीन सौ अंक का था। इसमें 50-50 अंक के मूल विधि एवं संविधान, संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता व मानसिक अभिरुचि एवं तार्किक आदि के प्रश्न पूछे गए। वहीं दूसरा पेपर 100 अंक का हिंदी का था। इसमें 25 प्रतिशत निबंध व 75 प्रतिशत अंक सामान्य हिंदी में विभाजित थे। निबंध में पर्यावरण, प्रशासन सुधार व युवा शक्ति विषय रहे। सामान्य हिंदी में व्याकरण व करेंट अफेयर्स से संबंधित गद्यांश दिए गए थे।
मात्र 29 अनुपस्थित
शहर के दो केंद्रों में बालेराम सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज में पंजीकृत 800 परीक्षार्थियों में से 786 उपस्थित रहे, जबकि 14 अनुपस्थित रहे। वहीं आरजी पीजी कालेज में पंजीकृत 334 में से 319 परीक्षार्थी उपस्थित व 15 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।
चाक-चौबंद सुरक्षा
परीक्षा के लिए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त रखी गई थी। दोनों परीक्षा केंद्रों पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने दो-दो बार निरीक्षण किया। परीक्षा के नोडल अधिकारी एसपी ट्रैफिक पीके तिवारी ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर पुलिस अधिकारियों के साथ ही पर्यवेक्षक व मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए थे। परीक्षा केंद्रों के अंदर व बाहर भी बड़ी संख्या में पुरुष व महिला पुलिस को तैनात किया गया था। परीक्षा पूरी तरह शांति से संपन्न हुई।