कल्पित के 'कातिलों' के सामने नतमस्तक पुलिस
मेरठ : भारत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआइटी) के छात्र कल्पित की मौत के मामले में पुलिस साफ पर तौर संस्थान प्रबंधन की ताकत के सामने नतमस्तक दिख रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह संशय भी गहरा रहा है कि कल्पित ने आत्महत्या की है या उसे कत्ल किया गया है, लेकिन पुलिस चीफ वार्डन के अलावा किसी आरोपी तक नहीं पहुंच सकी है। जांच के नाम पर महज रस्म अदायगी की जा रही है और मृतक छात्र के पिता और छात्रों के आरोपों को दर किनार किया जा रहा है। चर्चा है कि पहले से ही कार्रवाई में ढीली चल रही पुलिस ने सत्ता पक्ष के मंत्रियों और कई प्रभावशाली लोगों की पैरवी के बाद और आंख मूंद ली है।
बिजनौर के नजीबाबाद के आरसीपुरम के रहने वाला कल्पित त्यागी परतापुर बाईपास स्थित भारत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी में बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) का छात्र था। कल्पित ने शुक्रवार को इंस्टीट्यूट परिसर स्थित हॉस्टल में रैगिंग व छात्रों और प्रबंधन के उत्पीड़न से तंग आकर फांसी लगा ली थी। कल्पित की मौत के बाद काफी बवाल हुआ था। इस मामले में रजिस्ट्रार केपी सिंह, चीफ वार्डन आशीष तायल, छात्र नितिन, अंकित भड़ाना, अनिल, विशाल, सचिन, दीपक उज्जवल, नितिन, दीपक पंवार पुनीत पंवार, संदीप पंवार, अभिजीत शर्मा उर्फ चिंटू, प्रतीक चिकारा, नितिन व अभिषेक के खिलाफ धारा 306 के तहत मुकदमा भी दर्ज हुआ था। पुलिस अब तक एक मात्र आरोपी चीफ वार्डन को ही जेल भेज सकी है। चार दिन बाद भी अन्य किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। आरोपी छात्र खुलेआम घूम रहे हैं और स्थानीय होने के नाते बराबर दबाव बना रहे हैं। पुलिस की इस मसले में कार्रवाई को देखकर लगता है कि उसे भी आरोपियों को पकड़ने की रुचि नहीं है। एसओ परतापुर सुरेंद्रनाथ का कहना है कि आरोपियों को चिह्नित कर लिया गया है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी।
हॉस्टल के छात्रों के
दर्ज हुए बयान
केस के विवेचक वचन सिंह सिरोही ने पिता के बयान दर्ज करने के बाद सोमवार को हॉस्टल व सहपाठी कुछ छात्रों के बयान दर्ज किए। पिता ने बयानों में पुत्र को उनके ही सामने पीटने के आरोप लगाए हैं। पिता का कहना है कि खुद रजिस्ट्रार ने उनके बेटे को पीटा था।