खुले में शौच जाने को विवश नौनिहाल
मेरठ : जिले में बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित 910 प्राथमिक और 435 जूनियर हाईस्कूल हैं। विभागीय दावा पर यकीन करें तो हर स्कूल में शौचालय बनाया गया है। बच्चे और बच्चियों के लिए अलग-अलग शौचालय है, लेकिन हकीकत में शौचालय बस नाम के हैं। कुछ जगह शौचालय पर ताला लटका हुआ है, जबकि कुछ जगह वह गंदगी से बजबजाते हैं। जिले के कुछ स्कूलों की पड़ताल में उनकी तस्वीर बदरंग निकली।
मवाना में बेसिक परिषद के 17 स्कूलों में 14 प्राथमिक व तीन जूनियर हाईस्कूल है। इसमें प्राथमिक पाठशाला नंबर 2, 3, 4 व नं. 6 स्कूल समेत चार प्राथमिक विद्यालय किराए के भवन पर चल रहे हैं। भवन से लेकर शौचालय की स्थिति बेहद खराब है। इन स्कूलों की बदहाल हालत को देखकर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं।
हस्तिनापुर के परिषदीय स्कूल में शौचालय बना है, लेकिन बनने के साथ ही उस पर ताला लटका मिला। शौचालय बंद होने की वजह से स्कूल की छात्राएं खुले में लघुशंका जाने को मजबूर हैं। खादर के रठौरा कला गांव में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में कई शौचालय बने हैं। वहां भी ताला लटका मिला। खादर क्षेत्र के अन्य बेसिक स्कूलों में कमोवेश यही हाल दिखा। स्कूल के शौचालय पर ताला लटका हुआ है।
इनका कहना है..
शहर के परिषदीय स्कूलों के शौचालय की सफाई की जाती है। गांव के स्कूलों में सफाई कर्मचारी रखे गए, लेकिन वह सफाई नहीं करते, जहां शिकायत आती है, वहां साफ सफाई की व्यवस्था कराई जाती है।
-जीवेंद्र सिंह ऐरी, बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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स्कूल में सफाई कर्मचारी ग्राम प्रधान के घर लगे हुए हैं, स्कूल में शौचालय की स्थिति इतनी बदतर है, कि उसमें कोई बच्चा बैठना नहीं चाहता।
-महेंद्र, अभिभावक।