वर्दी की ठसक में चूर सीओ सुनवाई से दूर
मेरठ : पीड़ितों की सुनवाई के लखनवी आदेश का सीओ यातायात पर रत्तीभर असर दिखाई नहीं दिया। बुधवार को सुनवाई किए बगैर ही सीओ उठकर चल दीं, जबकि पीड़ित गेट तक उनके पीछे मिन्नतें करते देखे गए।
हुआ यूं कि एसएसपी ओंकार सिंह लखनऊ समीक्षा बैठक में गए थे। एसएसपी ऑफिस में पीड़ितों की समस्या सुनने के लिए सीओ स्वर्णजीत कौर की ड्यूटी लगाई गयी थी। सीओ ने दस से पंद्रह पीड़ितों को सुना और ड्यूटी का कॉलम पूरा कर लिया। इसी बीच अधिवक्ता पुलिस की कार्यशैली की शिकायत करने पहुंचे तो सीओ वकीलों पर बिफर पड़ीं। उनकी बुकें लेने के बाद वहां से उठकर चल दीं। उन्होंने तल्ख अंदाज में गाड़ी चालक को बुलवाया, जबकि पीड़ित गेट तक अपनी समस्या को बताते हुए उनका पीछा करते रहे। सीओ वहां से उठने के बाद महिला थाने पहुंच गयीं।
पीड़ित करीब दो बजे तक बैठने के बाद लौटने शुरू हो गए।
मेरठ से इस प्रेम के पीछे क्या?
मेरठ : सीओ यातायात स्वर्णजीत कौर का मेरठ से गहरा नाता है। वह दारोगा होने पर ही मेरठ में तैनात रहीं। इंस्पेक्टर बनने के बाद भी मेरठ पहुंची, अब सीओ की तैनाती में भी मेरठ में पोस्टिंग कराई। ऐसे में लग रहा है कि सीओ साहिबा को मेरठ से ज्यादा प्रेम है। इस प्रेम की वजह क्या है? इसकी चर्चा थानों में तैनात दारोगा करते दिखाई दे रहे हैं।
इन्होंने कहा..
मैं उठकर किसी काम से गई थी। मैंने अपने स्थान पर सीओ क्राइम को बैठने के लिए कहा था। बाद में जानकारी ली थी, जिसमें पता चला कि सीओ क्राइम ने सभी पीड़ितों को सुना था।
- स्वर्णजीत कौर, सीओ क्राइम