ऊंटों पर पुलिस ने भी दिखाई बेदर्दी
मेरठ : चार दिन से पशु तस्करों की बेदर्दी झेल रहे 38 ऊंटों को मौत की कैद से मुक्ति के समय पुलिस की अमानवीयता भी झेलनी पड़ी। पुलिस और नगर निगम की खींचतान के चलते पकड़े जाने के 24 घंटे बाद ऊंट ट्रकों से बाहर निकले। उन्हें नौचंदी ग्राउंड के पटेल मंडप परिसर में रखा गया है, जहां नगर निगम के कर्मचारी उनके खाने का ध्यान रखेंगे और पुलिस सुरक्षा करेगी।
खरखौदा थानाक्षेत्र से शनिवार दोपहर तीन ट्रकों में भरे 38 ऊंटों को बरामद किया गया था। इन ऊंटों को पुलिस नगर निगम के कांजी हाउस में रखना चाहती थी, लेकिन निगम अफसरों का कहना था कि कांजी हाउस के टीन शेड के नीचे कम ऊंचाई के पशु रह सकते हैं, वहां ऊंट नहीं रखे जा सकते। इसे लेकर पुलिस और नगर निगम के अफसरों में रातभर खींचतान चली। रविवार दोपहर में ऊंटों को नौचंदी मैदान में पटेल मंडप परिसर में उन्हें रखने का फैसला लिया गया, जिसके बाद पुलिस व प्रशासन के अफसरों ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. राजबीर सिंह की मौजूदगी में ऊंटों को पटेल मंडप परिसर में ट्रकों से उतारा। ऊंटों को ट्रकों से बेदर्दी से उतारा गया। पैर बांधकर ऊंटों को चार दिन पहले ट्रकों में लादा गया था। चार दिन में उनकी हालत मरणासन्न हो गई थी। पुलिस ने भी उन्हें ऐसे ही जमीन पर पटकवा दिया। कमेले में पशु कटान करने वाले लोगों को छुरे लेकर बुलाया गया था। उन्होंने ही उनके बंधन काटे, लेकिन इस काम में भी छुरों ने ऊंटों को घाव दिए। इस पर वहां मौजूद लोगों ने नाराजगी भी जताई।
अज्ञात चालकों पर मुकदमा
खरखौदा : एसओ खरखौदा दिनेश कुमार ने बताया कि वाहनों को सीज कर उनके चालकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
एनिमल केयर ने की चिकित्सा
एनिमल केयर सोसायटी की टीम ने पटेल मंडप पहुंचकर ट्रकों से उतरे ऊंटों की चिकित्सा की। टीम में अंशुमालि वशिष्ठ, लावण्या, स्वीटी शर्मा, लक्ष्य व अभिषेक आदि शामिल रहे।
मानवता के नाते की व्यवस्था
नगर आयुक्त अब्दुल समद ने कहा कि ऊंट पुलिस ने पकड़े हैं, निगम का इससे वास्ता नहीं है। कांजी हाउस में इतने ऊंचे ऊंट नहीं रह सकते। मानवता के नाते उन्हें रखवाकर उनके चारे के लिए निगम के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उनकी सुरक्षा व देखभाल का काम पुलिस का है।