'महबूब' पर भरोसा किया पर निकला 'कातिल'
मेरठ : वाकई नेहा का कत्ल किसी फिल्म की सस्पेंस कहानी से कम नहीं है। इसमें ड्रामा है, इमोशन है और ट्रेजडी भी। नेहा ने मोहब्बत तो की, पर एक बार नहीं, बल्कि तीन बार। लगातार प्रेमी बदलने का नतीजा ही उसकी जान का दुश्मन बन गया। कातिल ने हत्या को इस तरीके से अंजाम दिया कि कानून के शिकंजे में नहीं फंसेगा। उसने जो कत्ल का ताना बाना बुना था, वह बिल्कुल फिल्म के एक दृश्य की तरह था। हालांकि अंत में पुलिस कातिल तक पहुंची और इस प्रेम कहानी का हैरतअंगेज खुलासा हो गया।
आसिफ के मुताबिक, नेहा का मानना था कि शादीशुदा जिंदगी एक कैद की तरह है, जिस कैद से उसे आजाद होना है। यही कारण है कि पति विपिन के दबाव में उसे कदापि रहना स्वीकार नहीं किया। पति से लड़ने के बाद वसीम से मोहब्बत की। उसने यहां अपना नाम नेहा से बदलकर सना रख लिया था। डिस्को में जाना और बाहर के स्पॉट पर घूमना उसकी कमजोरी थी। हर माह उसे घूमना और शॉपिंग करना पंसद था। उसकी मुलाकात भी लिंक रोड स्थित मॉल में वसीम से हुई थी। दोनों ने एक दूसरे के मोबाइल नंबर लिए। बातों का सिलसिला शुरू हुआ और बात आनंद विहार के डिस्को तक पहुंच गई। पुलिस की मानें तो वसीम ने नेहा को अपने दोस्तों के सामने भी परोस दिया था। उनके फोटो तक पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। मसूरी से लेकर नैनीताल और महानगर के होटलों में भी कई-कई दिनों तक नेहा वसीम और उसके दोस्तों के साथ रुकती थी, लेकिन उसने वसीम को दरकिनार कर सोती गंज के उसके दोस्त को चुन लिया तो वहीं से कत्ल का ताना बाना बुना गया।
नेहा से सना रख लिया था नाम
मेरठ : आसिफ ने बताया कि नेहा ने अपना नाम छिपाकर सना बताया था। आसिफ के झूठ को यहां पकड़ लिया गया। क्योंकि उसने बताया कि सना मुसलिम थी, पर उक्त सभी जब उसकी मां मधु वर्मा के संपर्क में थे तो क्या फिर उन्हें पता नहीं चला कि सना किस समुदाय की है?