अटे पड़े नाले, जीना मुहाल
मेरठ : शहर के नाले हो या नालियां, सभी अटे हैं। उनकी हालात इतनी बदतर है कि दुर्गध व मच्छरों की फौज से लोगों का जीना दूभर हो रहा है। शनिवार को इस साल में चौथी बार बेगमपुल के पास स्थित सपा एमएलसी डा. सरोजिनी अग्रवाल के आवास के बाहर से आबूनाले की फांसी मशीन से सफाई शुरू हुई पर जिस स्थान पर इस नाले में दो महीना पहले सफाई हुई थी, उसकी हालत बद से बदतर है। नाले अटे होने के कारण हल्की सी बारिश में ही महानगर में जल भराव हो जाता है।
महानगर में छोटे बड़े कुल 238 नाले हैं, जिनमें सबसे बड़ा नाला आबूनाला है। शनिवार को इस नाले की फांसी मशीन से सफाई हुई। करीब 300 टन मलबा भी निकाला गया और पूरे नाले की सफाई का भी दावा किया गया पर सवाल उठता है कि दो माह पहले जब इस नाले की सफाई के बाद भी बड़ी मात्रा में मलबा निकल रहा है तो जुलाई माह में बारिश के दौरान इस नाले का क्या हाल होगा। बहरहाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. राजवीर सिंह दावा कर रहे हैं कि इस बार 15 जून तक सभी नालों की सफाई हो जाएगी। बात चाहे जो भी हो पर बड़े नाले बच्चा पार्क, एनएस कालेज के पास नाला, घंटाघर नाला व ओडियन नाला आदि नालों का बुरा हाल है।