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यूपी की सभी सीटों पर लड़ेगा कौमी एकता दल का गठबंधन

कौमी एकता दल अध्यक्ष अफजाल अंसारी का कहना है कि विधानसभा चुनाव में उनका महागठबंधन प्रदेश की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 17 Jul 2016 08:57 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jul 2016 09:59 PM (IST)
यूपी की सभी सीटों पर लड़ेगा कौमी एकता दल का गठबंधन

मऊ (जेएनएन)। कौमी एकता दल विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा। इस काम को अंजाम एक महागठबंधन के तहत दिया जाएगा। यह कहना है पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अफजाल अंसारी का।

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रविवार को पत्रकारों से बातचीत में अफजाल अंसारी ने कहा कि कौमी एकता दल बिहार की तर्ज पर सपा, बसपा और भाजपा को छोड़कर सभी क्षेत्रीय छोटे दलों का महागठबंधन तैयार करेगा। इस गठबंधन के उम्मीदवार बिखर रहे पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक मतों को एकजुट कर बड़े दलों को उनकी हैसियत बता देंगे। उन्होंने महागठबंधन के बाबत विस्तार से कुछ कहने से इन्कार कर दिया। कहा कि अभी बातचीत चल रही है, बहुत से लोग संपर्क में हैं। अगस्त में सभी के साथ मिल-बैठकर पूरा खाका बना लिया जाएगा। संभव है कि अगस्त में ही महागठबंधन की घोषणा भी हो जाय।

अफजाल ने कहा कि चालाक पार्टियां अभी से मैदान में कूद पड़ी हैं, मगर उनके हाथ कुछ लगने वाला नहीं। चालाक पार्टियां कौन, इस सवाल पर कहा कि सभी चालाक हैं, केवल हम बेवकूफ हैं। आने वाले दिनों में सब पता चल जाएगा। सपा में विलय को ठुकराए जाने के सवाल पर उनके चेहरे के भाव और भी सख्त हो उठे। कहा कि हमारे साथ धोखा हुआ है और हम खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। अपराधियों का दल कौन सा है, इसका जवाब जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में देगी। मुख्तार के आपराधिक चरित्र की वजह से सपा में विलय न हो पाने के सवाल पर कहा कि मुख्तार जनता की अदालत से लगातार जीत दर्ज करते रहे हैं। जनता मुख्तार अंसारी को अपना प्यार-दुलार देती आई है, वह गरीबों के दिलों पर राज करते हैं। ऐसे में छोटे दल ही ताकतवर भूमिका में आएंगे और सभी मिलकर अगली सरकार बनाएंगे।

भाजपा कर रही बाबा साहब के नाम का दुरुपयोग

रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआइ) के कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष व भीमराव अंबेडकर के प्रपौत्र प्रकाश राव अंबेडकर ने कहा कि भारत में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। जिनको हमने बेदखल किया, हमारे आंदोलन से जिनको नुकसान हुआ, अब वह पुरानी विचारधारा थोपने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। भाजपा व आरएसएस सत्ता में आने के बाद यही कर रहे हैं। आरएसएस के एमएस गोलवरकर ने इलाहाबाद में अपनी किताब लिखी थी, जिसमें कहा था कि हमें डॉ. अंबेडकर का संविधान नहीं चाहिए। इससे प्रेरित होकर केंद्र की सरकार संविधान के आड़े आने की कोशिश कर रही है। आज कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भाजपा बाबा साहब के नाम का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है। अब तक याद नहीं किया, लेकिन अब उन्हें बाबा साहब याद आ गए हैं। यह मात्र दिखावा है। कांशीराम ने बसपा का गठन बहुजन समाज के हित के लिए किया था। मायावती ने इसे तहस-नहस कर दिया है। इसमें ब्राह्मणवाद हावी हो गया। इसलिए अंबेडकरवादी विचारधारा के लोगों ने पार्टी छोड़ दी। वह सपा पर भी वह हमलावर रहे। कहा कि सपा के राज में अपराध चरम पर है। पिछड़ी जाति के लोगों व अल्पसंख्यकों ने सपा सरकार बनाई, उन्हें कुछ नहीं मिला, केवल परिवारवाद के बोझ के अलावा। हमारे समाज को शिक्षा चाहिए, रोजगार चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपी में परिवर्तन होगा और जल्द ही होगा। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अशोक भारतीय ने कहा कि महिलाओं को 33 नहीं बल्कि आबादी के हिसाब से 50 फीसद आरक्षण मिलना चाहिए।


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