387 परीक्षकों की रुकेगी वेतन वृद्धि
जागरण संवाददाता, मऊ : शैक्षणिक कार्यों में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ योगी सरकार ने अ
जागरण संवाददाता, मऊ : शैक्षणिक कार्यों में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ योगी सरकार ने अचानक अपना रूख बेहद आक्रामक कर लिया है। मूल्यांकन कार्य से लगातार गायब रहने वाले परीक्षकों की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सचिव ने इनकी सेवा पुस्तिका पर भी इनका कारनामा दर्ज करने का फरमान जारी किया है। बोर्ड सचिव का फरमान मिलते ही डीआइओएस ने 387 अनुपस्थित परीक्षकों की वेतन वृद्धि रोकने के लिए संबंधित प्रबंधकों से इनकी सेवा पुस्तिका तलब कर ली है।
जिले में मूल्यांकन के लिए बनाए गए पांच केंद्रों के माध्यम से लगभग आठ लाख उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य किया जाना है। इसके लिए तकरीबन 2000 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। मूल्यांकन शुरू होने के तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में परीक्षकों की अनुपस्थिति बनी रही। जिला स्तरीय अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मिलते ही शासन स्तर पर कार्रवाई के लिए रणनीति तैयार कर ली गई। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तीनों दिन अनुपस्थित रहने वाले 387 परीक्षकों की सूची तैयार कराई गई है। डीआइओएस डॉ.विनोद कुमार राय ने बताया कि लापरवाही को लेकर शासन स्तर से निगरानी बढ़ी है। कहा कि सभी परीक्षकों को पहले दिन से ही अपने-अपने मूल्यांकन केंद्रों पर उपस्थित होने व मूल्यांकन कार्य में भाग लेने का निर्देश जारी किया गया था। परीक्षकों ने इसे नजर अंदाज किया। कार्रवाई के लिए वे स्वयं जिम्मेदार है। कहा कि शासन से निर्देश मिला है। अनुपस्थित परीक्षकों की सेवा पुस्तिका प्रबंधकों से मांगी गई है। इसमें भी इनकी लापरवाही अंकित करते हुए वेतनवृद्धि रोकने की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
डीएवी में जंची 15000 कापियां
जहां तीन मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य में सुस्ती देखी जा रही है, वहीं डीएवी इंटर कॉलेज मऊ व शहीद इंटर कॉलेज मधुबन में मूल्यांकन कार्य में तेजी आई है। डीएवी मूल्यांकन केंद्र प्रभारी देवभाष्कर तिवारी ने बताया कि तीन दिनों में 15000 उत्तर पुस्तिकाएं जांच दी गई हैं। वहीं शहीद इंटर कॉलेज में अब तक 9000 कापियों का मूल्यांकन कार्य किया जा चुका है।