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खाद-बीज की किल्लत से घिरे अन्नदाता

संकट... करहां (मऊ) : रबी फसलों की बुवाई का दौर चल रहा है। इस दौरान किसानों को रासायनिक खादों क

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 01:00 AM (IST)

संकट...

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करहां (मऊ) : रबी फसलों की बुवाई का दौर चल रहा है। इस दौरान किसानों को रासायनिक खादों की सख्त जरूरत है परंतु सहकारी समितियों से यूरिया और डीएपी गायब है। सरकारी गोदाम पर जो बीज उपलब्ध हैं। उनमें अधिकतर किसान रुचि नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्हें मनमाफिक किस्म के बीज नहीं मिल रहें हैं। ऐसे में किसान मजबूरी में प्राइवेट दुकानों से खाद व बीज खरीदने को विवश हैं।

पहले ही किसान नकदी संकट से जूझने के कारण खेती के संसाधन के लिए धन जुटाने में परेशान थे। उस पर उत्पादन की दृष्टिकोण से अच्छी किस्म के गेहूं आदि के बीज सरकारी गोदामों पर न मिलने से परेशानी बढ़ गई है। इसका फायदा उठाते हुए प्राइवेट बीज भंडार संचालक मनमाने दाम पर किसानों को बीज बेच रहे हैं। कृषि विभाग के आलाधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मौन साधे हुए हैं। इसकी वजह से किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। क्रय केंद्रों के बंद होने से धान को मजबूरी में प्राइवेट आढ़तियों को बेचकर किसान पहले ही घाटे में चल रहे हैं। गेहूं की बुवाई के लिए खाद बीज का अभाव किसानों पर दोहरी मार के बराबर साबित हो रहा है। क्षेत्र के सुरेंद्र ¨सह, धीरेंद्र ¨सह, वीरेंद्र तिवारी, महेंद्र यादव, राधे प्रसाद ¨सह आदि किसानों का कहना है कि गेहूं बुवाई का सीजन अब धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है परंतु सरकारी गोदामो पर डीएपी खाद नहीं मिल रही है।


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