बिजलीकर्मी की मौत, ग्रामीणों ने किया हाइवे जाम
दोहरीघाट (मऊ) : एक सप्ताह से ¨जदगी और मौत के बीच जूझ रहा संविदा विद्युतकर्मी ने अंतत: मौत से हार ही
दोहरीघाट (मऊ) : एक सप्ताह से ¨जदगी और मौत के बीच जूझ रहा संविदा विद्युतकर्मी ने अंतत: मौत से हार ही गया। उसके मौत की सूचना मिलते ही गांव वालों का गुस्सा फूट पड़ा। सबने 132 केवी विद्युत उपकेंद्र गोंठा के सामने शव को राष्ट्रीय राजमार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। इससे नेशनल हाइवे पर घंटों आवागमन ठप हो गया। जाम लगाए ग्रामीण मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा, उनकी विधवा कौशरी देवी को सरकारी नौकरी तथा एसडीओ परशुराम ठाकुर के निलंबन की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी घोसी ने किसी तरह समझा-बुझा कर, आश्वासन देकर चार घंटे बाद जाम समाप्त कराया।
स्थानीय थाना क्षेत्र के अतरसावां गांव का निवासी 38 वर्षीय सब्बीर बिजली विभाग में संविदा कर्मचारी था। बीती 21 जुलाई को वह मांदी-सिपाह विद्युत उपकेंद पर कार्यरत था कि इसी बीच शार्ट-सर्किट से आग लग गई। आग की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से झुलस गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़रावं से उसे जिला मुख्यालय मऊ तथा वहां से आजमगढ़ रेफर कर दिया गया। पुन: हालत बिग़ड़ने पर बीएचयू ले जाते समय गुरुवार की उसकी मौत हो गई। सब्बीर की मौत की खबर सुनते ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया। वाराणसी से शव आते ही लगभग ढाई बजे शव को राष्ट्रीय राजमार्ग-29 पर रखकर ग्रामीणों ने हाइवे जाम कर दिया और विद्युत विभाग के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। इस जाम के चलते वाराणसी-गोरखपुर नेशनल हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची, मगर जाम कर्ता किसी की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थे। वे मृतक की विधवा को नौकरी, परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा तथा एसडीओ के निलंबन की मांग करते रहे। मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी घोसी ने कृषक दुर्घटना बीमा योजना से पांच लाख रुपये शीघ्र दिलाने तथा उनकी अन्य मांगों को पूरा करने करने के लिए शासन को लिखे जाने का आश्वासन दिया, तब जाकर जाम समाप्त हुआ। जाम लगाने वालों में शाहनवाज, जैरा, नसीउददीन, शमसुद्दीन, सेवाती, केसरी, विदुल, कनीज, मुर्सीद, राजू, धीरेंद्र राय, अभिषेक राय, रामसागर राय, राजेश, शिवनाथ ¨सह, पंकज, अशोक राय, अश्विनी जायसवाल, जमालुद्दीन, पवन आदि सैकड़ों लोग थे।