मर्यादित हो बोलने की स्वतंत्रता
मऊ : राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण के बीच अमर्यादित टिप्पणी का एक नया दौर शुरू हो गया है। अपनी राय रख
मऊ : राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण के बीच अमर्यादित टिप्पणी का एक नया दौर शुरू हो गया है। अपनी राय रखने का सबको अधिकार है लेकिन उसकी मर्यादा का निर्धारण भी अवश्य होना चाहिए। देश में हो रहे बदलाव के बीच वैचारिक स्तर पर असंसदीय भाषा का प्रयोग राजनीति के घातक साबित होगी। लोकतंत्र रक्षक सेनानी राजकरन ¨सह ने यह बातें कहीं। भीटी में आयोजित लोकतंत्र विषयक बैठक में वह बोल रहे थे।
श्री ¨सह ने कहा कि आपातकाल के दौरान देश में बोलने की स्वतंत्रता पर रोक लगा दिया गया था। विचार से लेकर समाचार तक सेंसरशिप की जद में था। उस दौरान में लोकतंत्र की रक्षा करने वाले छोटे-छोटे पर्चे बांटकर लोगों में जागरुकता पैदा की जाती थी। शांतिपूर्ण तरीके से जेल भरो आंदोलन किए जाते थे। तब की जब बोलने की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध था, उस दौर भी विपक्ष द्वारा मर्यादा का ध्यान रखा जाता था। अब राजनीतिक असहिण्णुता बढ़ने के साथ एक-दूसरे की हत्या तक कराई जा रही है। जनमानस की निरंतर गिरफ्तारी और बढ़ते प्रभाव बीच वैश्विक दबाव के बीच इमरजेंसी समाप्ति की घोषणा की गई। इसके बाद एक राजनीतिक दौर का सूत्रपात हुआ। आज के लोकतांत्रिक दौरान में आ रही गिरावट ¨चतनीय है। इस दौरान भाजपा जिला उपाध्यक्ष संतोष कुमार ¨सह, जिला महामंत्री राकेश मिश्र, एडवोकेट प्रमोद साहनी, छोटू आदि ने भी अपने विचार रखे।