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क्षेत्र में फिर डी-9 की धमक, लोग दहशत में

चिरैयाकोट (मऊ) : कई जनपदों की पुलिस टीम व एसटीएफ की सक्रियता के बावजूद गैंग डी-9 की धमक क्षेत्र में

By Edited By: Published: Thu, 28 Apr 2016 11:28 PM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2016 11:28 PM (IST)
क्षेत्र में फिर डी-9 की धमक, लोग दहशत में

चिरैयाकोट (मऊ) : कई जनपदों की पुलिस टीम व एसटीएफ की सक्रियता के बावजूद गैंग डी-9 की धमक क्षेत्र में कम होने का नाम नहीं ले रही। बुधवार की रात आजमगढ़ की सीमा में स्थित क्षेत्रीय गांव खुटहन के पास पुरानी रंजिश में एक विपक्षी को मौत के घाट उतारकर इस गैंग ने फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। विनोद सेठ हत्याकांड के बाद 2 लाख का इनाम घोषित किए जाने और पूरे जोर-शोर से पुलिस द्वारा इस गैंग की तलाश में लगने के बाद भी वारदात-दर-वारदात अंजाम दे रहे बदमाशों की दहशत लोगों में कम होने का नाम नहीं ले रही।

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स्थानीय कस्बे से महज 08 किलोमीटर दूर खुटहन गांव के पास बुधवार की रात लगभग 8.30 बजे बदमाशों ने रासेपुर बाजार में क्लिनिक चलाने वाले 60 वर्षीय वृद्ध लालता प्रजापति को गोलियों से भून दिया। इस वारदात में भी डी-9 गैंग का नाम सामने आया है। इसके पीछे वर्तमान में गैंग के मुख्य कर्ता-धर्ता धर्मेंद्र ¨सह के परिवार और लालता प्रजापति के बीच खुटहन गांव में जमीन संबंधी पुराना विवाद बताया जाता है। इसी विवाद में पिछले वर्ष लालता प्रजापति के भाई लालजी प्रजापति की भी गोली मारकर खुटहन के पास उसी स्थान पर हत्या कर दी गई थी। लालजी की हत्या भी क्लिनिक बंद कर घर लौटते समय की गई थी और इस बार फिर लालता को भी उसी रास्ते पर मारा गया। गैंग के आशीष चौबे के मारे जाने और मुख्य सरगना सुजीत ¨सह बुढ़वा तथा लालू यादव के गिरफ्तार हो जाने के बाद से गैंग का संचालन धर्मेंद्र ही कर रहा है। इन एक वर्षों में वह पूरे पूर्वांचल की पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। उसके द्वारा लूट, छिनैती व रंगदारी के लिए धमकी तथा दहशत के लिए फाय¨रग की घटनाओं के बाद पुलिस उस पर इनाम राशि बढ़ती गई और वह 5 हजार से 50 हजार तक का इनामी हो गया। फिर भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। गत 22 मार्च को रंगदारी न मिलने पर बाजार के युवा व्यवसायी हीरो दुपहिया एजेंसी के मालिक विनोद सेठ की थाने के सामने दिनदहाड़े हत्या कर जिस तरह उसने अपने गैंग के साथ पुलिस प्रशासन को चुनौती दी, इसके बाद तो आइजी वाराणसी जोन के निर्देश पर पूरा महकमा एसटीएफ के साथ सक्रिय हो गया। कई जनपदों की पुलिस के साथ ही पूरा तंत्र लग जाने के बाद भी यह शातिर अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। जबकि विनोद सेठ हत्याकांड में इसके साथ रहे एक अन्य शूटर जयहिद यादव को पुलिस गिरफ्तार करने में कामयाब रही। पुलिस तंत्र की लाख सक्रियता के बाद भी यह गैंग रह-रहकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। लालता प्रजापति की हत्या को भी इसी गैंग का कारनामा बताया जा रहा है।


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