संविधान को ठीक से लागू करने की आवश्यकता
मऊ : भारतीय संविधान दिवस पर गुरुवार को अनेक स्थानों पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जगह-जगह
मऊ : भारतीय संविधान दिवस पर गुरुवार को अनेक स्थानों पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जगह-जगह हुई गोष्ठियों में वक्ताओं ने संविधान की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और कहा कि इसे ठीक ढंग से लागू करने की जरूरत है।
नवजागरण अंबेडकर समिति के तत्वावधान में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. रामविलास भारती ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने ही कहा था कि संविधान कितना ही अच्छा क्यों न बना हो, इसको लागू करने वाले अच्छे नहीं होंगे तो देश अच्छा नहीं होगा। बाबूराम ने कहा कि हर समाज का प्रतिनिधित्व लोकतंत्र का प्राणतत्व होता है परंतु आज भी लोकतंत्र के चारों स्तंभों में प्रत्येक समाज का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं हो सका है।
शेषनाथ रावत ने कहा जब तक सामाजिक, आर्थिक लोकतंत्र गैर बराबरी पर आधारित रहेगा, तब तक सच्चा लोकतंत्र कायम नहीं हो सकता। भारतीय संविधान को सबसे पवित्र ग्रंथ के रूप में अपनाने की आवश्यकता है। समिति के अध्यक्ष आदित्य कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा का स्वागत किया। इनके अलावा रामसेवक, कल्पनाथ, अनिल कुमार एडवोकेट ने भी अपने विचार व्यक्त किए। रामचंद्र, रामअवध, सुब्बाराव भारती, पुष्पेंद्र, नगीना, पांचू राम, नवरतन मास्टर आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता ऊषा भारती ने की।
उधर नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में सर्वोदयी नेता राजेंद्र मिश्र गांधी ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधानों में एक है। अधिवक्ता विजय कुमार ¨सह ने संविधान की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र एवं भारतीय संविधान पुस्तक पर माल्यार्पण से हुआ। केंद्र के लेखाकर ओमप्रकाश मिश्र, जिला युवा समन्वयक शफीक जमा खान, रमाशंकर राम, शेर नारायण ¨सह, सतीश पांडेय, अमित कुमार आदि ने विचार व्यक्त किए। रामसूरत एवं राजन ने गीत प्रस्तुत किए।