फिर चला अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर
मऊ : नगर में सड़कों के किनारे हुए अतिक्रमण को एक सप्ताह बाद ही दुबारा साफ करने के लिए प्रशासन का बुलड
मऊ : नगर में सड़कों के किनारे हुए अतिक्रमण को एक सप्ताह बाद ही दुबारा साफ करने के लिए प्रशासन का बुलडोजर गुरुवार को फिर गरज उठा। दोपहर बाद प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में शुरू हुए इस अभियान का असर यह कि देखते ही देखते कुछ ही देर में नगर के नरईबांध, गाजीपुर तिराहा से लगायत आजमगढ़ मोड़ तक सड़क के किनारे की पटरियां साफ हो गईं।
इस दौरान कई गुमटियां, कई दुकानों के बोर्ड, दुकानों के बाहर रखे सामान जेसीवी मशीन से उठा कर ट्रैक्टर पर लाद लिए गए। कई दुकानों के छज्जे टूटे, कई की सीढि़यां तोड़ी गई। यह सब देख पटरियों पर आजीविका कमाने वाले छोटे दुकानदार, ठेले-खोमचे वाले अपनी लेई-पूंजी बचाने के लिए अपने सब सामान समेट वहां से सरपट निकल लिए।
लगभग एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व भी प्रशासन ने शहर में अभियान चलाकर सड़क की पटरियों के किनारे से सभी अतिक्रमण हटवा दिए थे। उस समय लोगों को लगा कि शायद यह अभियान सीएम के आगमन के मद्देनजर चलाया गया है। इसलिए मुख्यमंत्री के जाने के बाद ठेले-खोमचे व अस्थाई दुकानें लगाने वाले पटरियों पर फिर धीरे-धीरे आबाद होने लगे थे।
यह देखते हुए प्रशासन ने फिर अपनी हनक दिखाई और गुरुवार की दोपहर से सिटी मजिस्ट्रेट अमरनाथ राय के नेतृत्व में पुलिस बल और पालिका कर्मी जेसीवी, बुलडोजर, ट्राली-ट्रैक्टर सहित अतिक्रमण हटाओ अभियान पर निकल पड़े। नरईबांध से शुरू हुआ यह सिलसिला ज्यो-ज्यों सहादतपुरा की ओर बढ़ता गया, पटरियां साफ होती चली गईं। इस दौरान गाजीपुर तिराहा से आजमगढ़ मोड़ के बीच में एक प्रतिष्ठित कपड़ों की कंपनी के शो-रूम का छज्जा, एक मॉल की सीढि़यां अतिक्रमण की जद में आने पर तोड़ दी गईं।
कई गुमटियों में स्थित दुकानों को जेसीवी की सहायता से उठाकर ट्रैक्टर पर लाद लिया गया तो दुकानों के बाहर फैलाकर सड़क किनारे रखे गए सामान भी जब्त कर लिए गए। अभियान दुबारा शुरू होने की खबर मिलते ही तथा उसका आलम देखते ही पटरियों पर मौजूद बहुत से दुकानदार अपने सामान समेट वहां से भाग खड़े हुए। इससे कई लोगों की रोजी-रोटी असमय ही मारी गई।
कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे
अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान शुरू होने की खबर चंद घंटों में ही पूरे शहर में फैल गई। पटरियों पर मौजूद दूध-चाय, फल व सब्जी विक्रेता, पंचर जोड़ने वाले, बाटी-चोखा की दुकान लगाने वाले सभी जल्दी-जल्दी अपना सामान समेट ले गए। इस भागमभाग में कई दुकानदारों के सामान बरबाद भी हुए। यह सब कुछ नुकसान होते हुए वे अपनी आंखों से देखते रहे। थोड़ी ही देर में गुलजार पटरियां सूनी हो गईं। अतिक्रमण हटाने वाला कारवां गुजर जाने के बाद सभी पीछे खड़े उड़ रही धूल व गुबार को देखते रहे। उनकी आंखों से रोजी-रोटी पर आए इस संकट से उपजी निराशा छलक उठी।