उत्पीड़न के विरुद्ध आशाओं ने उठाई आवाज
मऊ : आल इंडिया आशा बहू कार्यकत्री कल्याण सेवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव की उपस्थिति में जनपद की
मऊ : आल इंडिया आशा बहू कार्यकत्री कल्याण सेवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव की उपस्थिति में जनपद की आशा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में बैठक की। इस दौरान उन्होंने अपनी सभी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया और शोषण के विरुद्ध जबर्दस्त आवाज उठाई। आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के लोग उनका तरह-तरह से शोषण करते हैं और उनके हक-ओ-हुकूक नहीं देते।
कार्यकर्ताओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी देने में हीला-हवाली या कटौती की जाती है। कार्यकर्ताओं ने इसके विरुद्ध लामबंद होकर संघर्ष करने का निर्णय लिया। कहा कि विभागीय अधिकारी यदि समय से उनकी समस्याओं का निराकरण करवाकर न्याय नहीं देते, 21 सितंबर से धरना-प्रदर्शन के साथ आंदोलन की शुरुआत की जाएगी और फिर हक के लिए निर्णायक संघर्ष किया जाएगा।
बैठक में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव ने कहा कि आशा कार्यकर्ता पूरे समय गांवों में सक्रिय रहकर लोगों को सुख-दुख का ख्याल रखती हैं और अपना घर-द्वार छोड़कर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराती हैं। बदले में उन्हें मिलने वाली नाम मात्र की प्रोत्साहन राशि को भी स्वास्थ्य विभाग के बाबू-कर्मचारी हड़प लेना चाहते हैं। मऊ सहित लगभग सभी जनपदों के ब्लाकों में यही हाल है। उन्होंने कहा कि उत्पीड़न सहना, उसे बढ़ावा देने के समान है।
इसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना ही होगा। जिलाध्यक्ष संध्या राय ने जनपद में आशा कार्यकर्ताओं की दुश्वारियों और उनकी समस्याओं तथा विभागीय विसंगतियों पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला। कहा कि बैठकों, संगोष्ठियों और सेमिनारों में तो बड़े अधिकारी यह स्वीकार करते हैं कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ हैं लेकिन कार्यालयों में उनके साथ जो व्यवहार किया जाता है, वह अत्यंत तुच्छ किस्म का होता है।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण का भुगतान पिछले वर्ष से अब तक नहीं हुआ है। गांव में गर्भवती महिलाओं की देखरेख आशा कार्यकर्ता पूरे नौ माह तक करती हैं परंतु प्रसव के उपरांत उन्हें दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि देने में विभागीय बाबू हीला-हवाली करते हैं और कई बार दौड़ाते हैं। स्वास्थ्य विभाग में काम करने के बावजूद अगर उन्हें चोट लग जाए तो मरहम-पट्टी तक करवाने की सुविधा नहीं देते।
मीरा श्रीवास्तव, विद्यावती चौहान, बीना राय, लालसा यादव, रानी ¨सह, इंदू ¨सह आदि कार्यकर्ताओं ने हर सीएचसी और पीएचसी पर आशा कक्ष बनाए जाने की मांग की। ताकि प्रसव के दौरान साथ जाने पर आशा कार्यकर्ता वहां ठहर सकें। अंत में न्याय व अपने हक के लिए 21 सितंबर को पुन: एकत्र होकर आंदोलन चलाने का निर्णय लिया। इस मौके पर नौ ब्लाकों से लगभग दो सौ कार्यकर्ता उपस्थित थीं।