मीना रेडियो ने जगाई लड़कियों की संवेदना
मऊ : प्राथमिक स्कूलों में पठन-पाठन की दशा भले नहीं सुधर रही हो पर मीना रेडियो से लड़कियों को सीखने तथ
मऊ : प्राथमिक स्कूलों में पठन-पाठन की दशा भले नहीं सुधर रही हो पर मीना रेडियो से लड़कियों को सीखने तथा सामाजिक कुप्रथाओं के बारे में जानने को मदद मिल रही है। मार्च से बंद मीना रेडियो का संचालन मंगलवार से पुन: शुरू होने पर जिले के जूनियर हाई स्कूलों की बच्चियों का उत्साह देखते बन रहा था।
नगर स्थित मुगलपुरा, भीटी के अलावा रानीपुर शिक्षा क्षेत्र के कई जूनियर हाई स्कूलों में नए सत्र के प्रथम मीना रेडियो प्रसारण में बाल विवाह से मिलने वाली सामाजिक ग्लानि को जानने व समझने में मदद मिली। विद्यालय की घड़ी की सुई जैसे ही ग्यारह बजायी। विषय विशेषज्ञ अनुदेशिकाएं रेडियो लेकर बैठ गई। सुबह 11.15 बजे रेडियो से मीना की घनघनाती हुई आवाज छात्राओं के कानों में पड़ी, तो वे खुशी से उछल पड़ी।
रेडियो से बाल-विवाह के कारण मीना की सहेली को क्या-क्या शितम झेलने पड़े। इसके बाबत विस्तार से जानने को मदद मिली। जिला समन्वयक बालिका अखिलेश ¨सह तथा रानीपुर के सह समन्यक मतलूब रहमान ने बताया कि विद्यालयों में हर साल 24 सितंबर को मीना दिवस मनाया जाता है। उसी दिन से स्कूलों में मीना रेडियो का प्रसारण भी शुरू हो जाता है।
इस दफा शासन ने इसको एक सितबंर से शुरू करने का निर्णय लिया था। इसके चलते जनपद के सभी ब्लाक संसाधन केंद्रों पर एक दिवसीय मीना रेडियो का बाबत प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया गया था। इसमे जानकारी दी गई थी कि सभी प्रधानाध्यापक अपना रेडियो दुरुस्त कर लें। ताकि जिस दिन से इसका प्रसारण हो उस दिन की कहानी और उस पर आधारित बच्चियों के साथ की गई चर्चा को रजिस्टर में पंजीकृत किया जा सके।
मीना मंच ने दिखाई रोशनी
पूर्व माध्यमिक विद्यालय मुगलपुरा के अध्यापक डा. शाहनवाज कहते हैं कि मीना रेडियो का मुख्य उद्देश्य लैंगिक असमानता को दूर करना है। छात्राओं को जबसे रेडियो से मीना व उसके भाई राजू द्वारा बाल अधिकार से संदर्भित बातें सुनने को मिल रही है। वे इससे बखूबी अपना ज्ञान बढ़ा रही है।