बम की सूचना से पुलिस पहुंची मदरसा, की जांच
मऊ : नगर कोतवाली क्षेत्र के मुंशीपुरा स्थित मदरसा मुस्लिम यतीमखाना में बम रखे होने और तालिबों की जान
मऊ : नगर कोतवाली क्षेत्र के मुंशीपुरा स्थित मदरसा मुस्लिम यतीमखाना में बम रखे होने और तालिबों की जान खतरे में होने की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल कोतवाली पुलिस व बम डिस्पोजल दस्ता मदरसा पहुंच गए। सबने मदरसे का कोना-कोना छान मारा लेकिन कहीं कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। बाद में इसे किसी शरारती तत्व का कारनामा मानकर पुलिस बल वापस लौट गया। घटना सोमवार की रात की है। मंगलवार की सुबह होते ही यह चर्चा अलग-अलग रूपों में शहर भर में फैल गई। मुहल्ले के कुछ उत्तेजित लोगों व मदरसे के छात्रों ने इससे क्षुब्ध होकर बलिया-लखनऊ राजमार्ग को जाम कर दिया। इस पर मुस्लिम समुदाय के जिम्मेदार लोगों ने मोर्चा संभाला और डीएम तथा एसपी से मिलकर वस्तुस्थिति स्पष्ट होने के बाद सड़क पर उतरे लोगों को समझा-बुझाकर वापस भेजा।
हुआ यह कि सोमवार की रात लगभग 8.30 बजे किसी शरारती तत्व ने शहर कोतवाल के नंबर पर फोन कर बताया कि उक्त मदरसे में बम रखा हुआ है। इस पर कोतवाल अभी जाने की तैयारियों में लगे ही थे कि तभी दुबारा फोन फिर आया कि क्या बच्चों के मर जाने के बाद ही पहुंचोगे, इस पर कोतवाल ने जब पलट कर उसका परिचय पूछा और सामने आने को कहा तो उसने दुश्मनी हो जाने का हवाला देते हुए परिचय देने से इन्कार कर दिया। फिर तो पुलिस अधीक्षक व वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देते हुए तत्काल पुलिस बल मदरसे जा पहुंचा। वहां मदरसे के छात्रों की सहायता से हर कोना छान मारा लेकिन बम तो क्या, कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इस पर मदरसे के छात्रों को एहतियात बरतने की हिदायत देते हुए पुलिस बल वापस लौट गया।
जिम्मेदारों ने संभाली कमान
रात में मदरसे में पुलिस द्वारा जांच किए जाने की खबर को सुबह अन्य अर्थों में लेकर कुछ लोगों ने प्रचारित कर दिया। इससे नगर क्षेत्र में लोगों में उत्तेजना फैल गई। उनका कहना था कि बिना मदरसे के नाजिम को सूचना दिए पुलिस अंदर कैसे गई। यह तालीमी एदारे का अपमान है। कुछ लोग चक्काजाम की तैयारी करने लगे। इस पर शहर के मुस्लिम समुदाय के जिम्मेदार लोगों ने कमान संभाली और एकत्र होकर वस्तुस्थिति जानने के लिए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से मिले।
कलेक्ट्रेट में मौजूद डीएम वैभव श्रीवास्तव व पुलिस अधीक्षक ने उन्हें आश्वस्त किया मदरसा हो या कोई अन्य स्थान, अगर किसी की जान खतरे में होगी, तो पुलिस तत्काल वहां पहुंचेगी और प्रशासन अपना काम करेगा। किसी भी स्थिति में कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता। वहां मदरसों के बच्चों की जान खतरे में होने की सूचना मिलने पर पुलिस गई और पूरी पड़ताल की। अब यह अफवाह फैलाने वाला जो भी होगा, उसे खोज निकाला जाएगा और दंडित किया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल में शाही कटरा मस्जिद के इमाम कारी मसीउर्रहमान, मौलवी ओबेदुल्लाह, मौलाना खुर्शीद अहमद मिफ्ताही, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष तैयब पालकी, अरशद जमाल, मौलाना इस्तेखार अहमद मिफ्ताही, मौलाना रियाजुल हक कासमी, डॉ. मसूद आजमी, मौलवी ओबेदुल्लाह मिफ्ताही, मौलाना सरफराज अहमद फैजी, मौलवी अनीस अहमद, मौलाना इरफान अहमद आदि थे।
जाम लगाए लोग वापस
उधर शहर के संभ्रांत नागरिक और उलेमा आला अधिकारियों से बात करने कलेक्ट्रेट गए, इधर कुछ गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए। उन्होंने बलिया-लखनऊ राजमार्ग को जाम कर दिया। अधिकारियों से मिलकर लौटे प्रतिनिधि मंडल में शामिल जिम्मेदार लोगों ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा और पुलिस की तत्परता की सराहना की।